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‘आपके नाम आये पार्सल में है ड्रग्स’ कह कर गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर ठगे दो करोड़

गिरफ्तार करने की धमकी देने के बाद उसे बचाने के लिए किस्तों में कुल दो करोड़ रुपये ठगने के आरोप में एक गिरोह के चार सदस्यों को अरेस्ट किया गया है

कोलकाता.एक महिला को फोन कर कहा कि उसके नाम पर मुंबई एयरपोर्ट पर आये पार्सल में ड्रग्स है. इसके बाद महिला को गिरफ्तार करने की धमकी देने के बाद उसे बचाने के लिए किस्तों में कुल दो करोड़ रुपये ठगने के आरोप में एक गिरोह के चार सदस्यों को अरेस्ट किया गया है. घटना बेहला इलाके की है. पीड़िता का नाम भावना मोहन राज बताया गया है, जबकि गिरफ्तार आरोपियों के नाम वरुण दास (42), राजू दत्ता (43), विशाल सरदार (24) और पवित्र कुमार पंडित (44) बताये गये हैं. इनसे पूछताछ कर पुलिस टीम 50 लाख रुपये ठगी की राशि को बैंक में ब्लॉक कराने में सफल रही है.

पुलिस सूत्र बताते हैं कि पीड़िता ने शिकायत में बताया कि एक दिन उनके मोबाइल पर इंटरनेट कॉल आया. फोन करनेवाले ने कहा कि उसके नाम पर मुंबई एयरपोर्ट पर एक पार्सल आया है. उस पार्सल में 130 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स मिला है. इसकी जानकारी मुंबई पुलिस व कस्टम विभाग को दे दी गयी है. संबंधित महिला कभी भी गिरफ्तार हो सकती है. इस जानकारी के बाद महिला को आलोक राज नामक शख्स ने फोन किया. उसने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और गिरफ्तार करने की धमकी थी. पीड़िता को गिरफ्तारी से बचने के लिए कुछ रुपये देने का रास्ता बताया.

पीड़िता का आरोप है कि उसने किस्तों में कुल दो करोड़ रुपये गिरोह को दे दिये. बाद में संदेह होने पर इसकी शिकायत बेहला थाने में दर्ज करायी. इसके बाद साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर महानगर के विभिन्न इलाकों से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. ठगी की शेष राशि को इनसे बरामद करने की कोशिश की जा रही है.

5.45 करोड़ की ठगी में महिला सहित तीन गिरफ्तार

कोलकाता. एक महिला से 5.45 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में पुलिस ने तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान श्यामपुकुर निवासी मीनाक्षी बसाक व बलराम बसाक एवं बागुईहाटी निवासी शिव शंकर बंद्योपाध्याय के रूप में हुई है. यह घटना उत्तर कोलकाता के श्यामपुकुर थाना इलाके की है. जानकारी के अनुसार, एक महिला ने श्यामपुकुर थाने में ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी. उसने बताया कि कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात मीनाक्षी, बलराम, शिवशंकर और प्रसून मुखर्जी नामक लोगों से हुई थी. उन्होंने अपना परिचय राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर देते हुए उसे आंगनबाड़ी वेंडर का लाइसेंस दिलाने की बात कही थी. इस काम के लिए उन्होंने 5.45 करोड़ रुपये भी ले लिये. लेकिन उसे लाइसेंस नहीं मिला. जब उसने रुपये वापस मांगे, तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया. इसके बाद पीड़िता ने थाने में शिकायत दर्ज करायी. उधर, कोलकाता पुलिस के एंटी चिटिंग स्क्वाड के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की और तीन आरोपियों को दबोच लिया. इनसे पूछताछ की जा रही है.

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