कोलकाता. कल्पना कीजिये कि हर कदम पर आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही है. ऐसा लग रहा है कि आपका अपना शरीर आपको धोखा दे रहा है. मधुमेह और उच्च रक्तचाप से जूझ रहे 61 वर्षीय शख्स के लिए यह रोजमर्रा की सच्चाई थी. थोड़े से परिश्रम से ही उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती थी, जिसके कारण उन्हें चिकित्सक की सहायता लेनी पड़ी. जांच करने पर, उन्हें गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस से ग्रसित पाया गया. इलाज का एक मात्र उपाय एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट था. नारायणा अस्पताल-आरएन टैगोर अस्पताल में मरीज की अत्याधुनिक मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी कर उन्हें नया जीवन प्रदान किया गया. मरीज को मार्च में अस्पताल के आउटपेशेंट विभाग में भर्ती कराया गया था. नियमित प्रीऑपरेटिव ट्रांस थोरैसिक इकोकार्डियोग्राफी और सीटी एंजियोग्राम से एक बाइकसपिड एओर्टिक वाल्व का पता चला, जिसके कारण शरीर में रक्त प्रवाह में मुश्किल आ रही थी. डॉ ललित कपूर के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने एक्सएल आकार के पर्सेवल प्लस बायोप्रोस्थेटिक वाल्व का उपयोग करके देश का पहला मिनिमली इनवेसिव (ट्रांस एक्सिलरी) एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट की. डॉ ललित कपूर ने बताया कि, टीएवीआइ के युग में मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी एक बेहतर विकल्प है. नारायणा ग्रुप के सीओओ आर वेंकटेश ने कहा कि नारायणा हेल्थ-आरएन टैगोर अस्पताल में एक्सीलेंस और इनोवेशन को हमेशा प्रेरित किया जाता है. यह मरीज की देखभाल और मेडिकल केयर के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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