अजय नदी से बेधड़क हो रहा बालू का खनन
पश्चिम बर्दवान जिला प्रशासन की मॉनसून के समय नदियों से बालू के खनन पर रोक है, फिर भी जिले में नदियों से मशीन लगा कर अवैध रूप से रेल निकाली जा रही है. कांकसा थाना क्षेत्र के बनकाठी ग्राम पंचायत के अधीन अजय नदी में मशीन लगा कर धड़ल्ले से बालू खनन किया जा रहा है.
पानागढ़.
पश्चिम बर्दवान जिला प्रशासन की मॉनसून के समय नदियों से बालू के खनन पर रोक है, फिर भी जिले में नदियों से मशीन लगा कर अवैध रूप से रेल निकाली जा रही है. कांकसा थाना क्षेत्र के बनकाठी ग्राम पंचायत के अधीन अजय नदी में मशीन लगा कर धड़ल्ले से बालू खनन किया जा रहा है. इस बाबत पश्चिम बंगाल आदिवासी जुमीद गांवता ने दुर्गापुर महकमा शासक से शिकायत की है. इसकी प्रति(कॉपी) कांकसा बीडीओ, कांकसा बीएलआरओ और कांकसा थाने के आइसी को भेजी गयी है. आदिवासी संगठन के राज्य सचिव सुनील किस्कू ने आरोप लगाया कि बरसात के समय अवैध रूप से अजय नदी से किये जा रहे बालू खनन के पीछे इलाके के शेख सैफुल, अजय मांडी, सैयद किरण सुरेन दास आदि बालू माफिया हैं. आदिवासी संगठन ने अपनी शिकायत में उक्त बालू माफियाओं के नाम का जिक्र किया है. इससे इलाके में हड़कंप मच गया है. बताया गया है कि अजय नदी में मानसून के समय बालू खनन पर डीएम की रोक है. लेकिन इससे बेपरवाह बालू माफिया नदी में अवैध रूप से मशीनें लगा कर रेत खनन कर रहे हैं और इसकी डंपर के जरिये तस्करी की जा रही है. जेसीबी मशीन लगा कर बालू को डंपरों में लाद कर भेजा जा रहा है. यह सब दिनदहाड़े चल रहा है. नदी के किनारे बालू का ढेर लगा दिया गया है. आदिवासी संगठन की चिंता है कि ऐसे दिन-रात बालू खनन से नदी का किनारा कटता जा रहा है. नदी के तट पर कटाव से क्षेत्र में सैलाब आ सकता है. अजय नदी, बनकाठी पंचायत से महज एक किमी दूर है. लोगों के मन में यह सवाल है कि स्थानीय पंचायत प्रधान यह सब देखते हुए भी कार्रवाई क्यों नहीं कराते. आदिवासी संगठन की चेतावनी है कि बालू माफिया पर जल्द कार्रवाई नहीं की गयी, तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है