बंगाल के नदी व समुद्री इलाकों में भी चौकसी
थल सीमा के साथ-साथ जल सीमा पर भी चौकसी और निगरानी बढ़ायी गयी है. पश्चिम बंगाल के नदी व समुद्री मार्गों इलाकों में भी निगरानी व सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी है.
बांग्लादेश के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाइ अलर्ट जारी है. थल सीमा के साथ-साथ जल सीमा पर भी चौकसी और निगरानी बढ़ायी गयी है. पश्चिम बंगाल के नदी व समुद्री मार्गों इलाकों में भी निगरानी व सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी है. भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) भी पूरी तरह से चौकस है. आइसीजी के विशेष होवरक्राफ्ट के जरिये 24 घंटे भारत-बांग्लादेश की जल सीमा पर निगरानी की जा रही है. यह होवरक्राफ्ट जल और थल के अलावा कीचड़ व बर्फीली सतह वाले क्षेत्रों में भी गश्त लगा सकता है. बांग्लादेश में हाल की राजनीतिक घटनाओं और तेजी से बदलते घटनाक्रम को देखते हुए आइसीजी ने क्षेत्र में निगरानी और बढ़ा दी है और समुद्री मार्गों के जरिये घुसपैठ के किसी भी तरह के प्रयास को विफल करने के लिए परिचालन इकाइयों को उपयुक्त रूप से तैनात किया गया है. अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी) और त्वरित गश्ती जहाज (एफपीवी) को भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर तैनात कर सतही निगरानी बढ़ायी गयी है. समुद्र में तैनात सभी इकाइयों को मछली पकड़नेवालीं सभी नौकाओं पर नजर रखने व उन पर चढ़नेवालों और भारतीय मछुआरों की पहचान करने की सलाह दी गयी है. साथ ही मछुआरों को सतर्क रहने का निर्देश भी दिया गया है. उन्हें भारतीय सीमा रेखा का उल्लंघन नहीं करने की सलाह दी गयी है. साथ ही समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान पहचान पत्र और आवश्यक दस्तावेज साथ रखने को कहा गया है.
मछुआरों से यह भी अपील की गयी है कि समुद्र व नदी मार्ग में कोई संदिग्ध गतिविधि देखने पर तुरंत आइसीजी व पुलिस को सूचित करें, ताकि त्वरित और आवश्यक कदम उठाया जा सकें.
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