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ओसीपी में ब्लास्टिंग से मकानों के क्षतिग्रस्त होने का आरोप, ट्रांसपोर्टिंग बंद कर प्रदर्शन किया

सालडांगा के लोगों ने बुधवार को केंदा ओसीपी में ब्लास्टिंग से मकानों के क्षतिग्रस्त होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. इलाके के लोगों ने ओसीपी में ट्रांसपोर्टिंग बंद कर इस दिशा में उचित कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शन की सूचना पाकर केंदा एरिया के महाप्रबंधक मौके पर पहुंचे.

जामुड़िया.

सालडांगा के लोगों ने बुधवार को केंदा ओसीपी में ब्लास्टिंग से मकानों के क्षतिग्रस्त होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. इलाके के लोगों ने ओसीपी में ट्रांसपोर्टिंग बंद कर इस दिशा में उचित कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शन की सूचना पाकर केंदा एरिया के महाप्रबंधक मौके पर पहुंचे. उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने महाप्रबंधक की गाड़ी को रोककर विरोध प्रदर्शन किया और ब्लास्टिंग बंद करने या पुनर्वास देने की मांग करने लगे.

घटना के बारे में स्थानीय निवासी पंकज कुमार बर्नवाल ने कहा कि उनके घर के काफी नजदीक ओसीपी बनायी गयी है. ओसीपी में ब्लास्टिंग की वजह से उनके घर में दरारें आ रही हैं. महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इस बारे में प्रबंधन से कई बार बातचीत की गयी है. लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल रहा है. इस वजह से स्थानीय लोगों ने ओसीपी में ब्लास्टिंग बंद करवा दी. उन्होंने कहा कि ओसीपी के सेफ्टी मैनेजर आये थे और उन्होंने ब्लास्टिंग फिर से शुरू करवाने के लिए स्थानीय लोगों से अनुरोध किया लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक उन्हें पुनर्वास नहीं दिया जायेगा वह ब्लास्टिंग नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि यहां पर लोगों के घर हैं जिन घरों में ब्लास्टिंग की वजह से दरारे आ रही हैं. नजदीक में ही स्कूल है. ऐसे में अगर बिना किसी टाइम टेबल के कभी भी ब्लास्टिंग होने से लोगों को परेशानी हो रही है.

की पुनर्वास की मांग

प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक उनका पुनर्वास नहीं दिया जाता वह यहां पर ब्लास्टिंग नहीं होने देंगे. उन्होंने बताया कि पुनर्वास को लेकर जब भी प्रबंधन से बात की जाती है तो वह कहते हैं कि सीएमडी से बात हुई है या आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण से बात हुई है लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकलता. उन्होंने साफ कहा कि वह ओसीपी चलने के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन वह चाहते हैं कि उन्हें पुनर्वास दिया जाये.

वहीं इस गांव के एक और निवासी त्रिदेव मंडल का भी कहना था कि जिस तरह से यहां पर दोपहर के समय या कभी भी ब्लास्टिंग की जा रही है उससे घरों में दरारें आ रही हैं. लोग परेशान हो रहे हैं. यहां तक के बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग अपने घरों में रहना नहीं चाह रहे हैं. डर के मारे घर से निकल जा रहे हैं. जब भी यहां के जीएम से बात की जाती है तो वह सिर्फ आश्वासन देते हैं ,लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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