हाल ही में पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कई जिलों में लोगों के आधार कार्ड रद्द किये जाने की सूचना आयी थी. ऐसे में लोगों की चिंता बढ़ गयी है कि वे इस बार के लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे या नहीं. उन्होंने कहा कि आधार न होने पर भी मतदान में कोई दिक्कत नहीं होगी. वैकल्पिक पहचान पत्र दिखाकर मतदान किया जा सकता है. राज्य में स्वतंत्र और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायेंगे. मतदाताओं को पांच से छह दिन पहले मतदाता पर्ची मिलेगी. अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो भी वह वोट कर सकता है. वैसे लोग जिनके नाम मतदाता सूची में शामिल हैं और उनके पास वोटर कार्ड न होने पर वे राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य पहचान पत्र के सहारे मतदान केंद्र में प्रवेश कर वोट डाल सकेंगे.
पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी के साथ एक एप भी होगा
प्रत्येक क्षेत्र में पर्यवेक्षक होने के अलावा एक हेल्पलाइन नंबर भी होगा. कोई भी व्यक्ति किसी भी अवैध गतिविधि की शिकायत कर सकता है. इसके अलावा पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी के साथ एक एप भी होगा, जहां किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में तस्वीर खींचकर भेजी जा सकेगी. शिकायत मिलते ही हम तेजी से कार्रवाई करेंगे. साथ ही चुनाव के दौरान घुसपैठ रोकने के लिए भी आयोग सख्त कदम उठायेगा. सीमावर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी के अलावा चेक पोस्ट पर भी अतिरिक्त चौकसी रहेगी.
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फर्जी खबरों पर रोक लगाने के लिए जिलास्तर पर खुलेगा कंट्रोल रूम
आयोग ने कहा कि फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए जिले में कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जायेगी. फर्जी खबरों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए टोल फ्री नंबर 1950 को जारी किया जायेगा. चुनाव की घोषणा के बाद ही इस नंबर को सक्रिय कर दिया जायेगा.
दिव्यांग व बुजुर्ग अपने घर पर कर सकेंगे मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आयोग बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए घर पर ही मतदान करने की व्यवस्था करेगा. राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगों के लिए हर बूथ पर व्हीलचेयर की व्यवस्था रहेगी. 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और 85 से अधिक उम्र वाले लोग घर से वैलेट पेपर के जरिये वोट डाल सकेंगे.
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