डीवीसी ने दुर्गापुर बैराज से छोड़ा 6000 क्यूसेक जल
इस वर्ष नाकाफी बारिश से राज्य के कई जिलों में धान की खेती पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसे देखते हुए सिंचाई विभाग की पहल पर दामोदर घाटी निगम(डीवीसी) ने दुर्गापुर बैराज से शनिवार को छह हजार घन फुट (क्यूसेक) पानी छोड़ दिया गया. नहरों से पानी छोड़ने की खबर से लंबे समय से पानी की आस लगाये कृषकों ने राहत की सांस ली.
दुर्गापुर/ बांकुड़ा.
इस वर्ष नाकाफी बारिश से राज्य के कई जिलों में धान की खेती पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसे देखते हुए सिंचाई विभाग की पहल पर दामोदर घाटी निगम(डीवीसी) ने दुर्गापुर बैराज से शनिवार को छह हजार घन फुट (क्यूसेक) पानी छोड़ दिया गया. नहरों से पानी छोड़ने की खबर से लंबे समय से पानी की आस लगाये कृषकों ने राहत की सांस ली. दामोदर केनल से पानी छोड़ने का सिलसिला अगले कुछ दिन तक जारी रहेगा. इस बार मॉनसून में पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसान खासकर धान की खेती करने वाले कृषकों के माथे पर बल पड़े हुए हैं. उनकी चिंता को समझते हुए डीवीसी ने दुर्गापुर बैराज से छह हजार क्यूसेक जल छोड़ दिया है, जो नहरों के जरिये किसानों के खेतों में जायेगा और धान की खेती-बारी में सहूलियत होगी. इस बार अब तक कम बरसात होने से धान की खेती को लेकर किसान चिंतित थे. सिंचाई के अभाव में बांकुड़ा, पूर्व व पश्चिम बर्दवान समेत कई जिलों के किसान धान नहीं रोप पा रहे थे. विभिन्न जिलों में कम बारिश से खेत की मिट्टी इतनी गीली नहीं हुई है कि धान रोपे जा सकें. इस लिहाज से किसानों के हित में बांध से नहरों के लिए छोड़ा गया पानी बड़ी राहत लेकर आया है.मालूम रहे कि पिछले दिनों पंचेत व मैथन डैम से पानी छोड़ा गया था, जो दुर्गापुर के दामोदर तक पहुंचा है. शनिवार को दुर्गापुर बैराज के दायीं और बायीं ओर की नहरो से पानी छोड़ने का सिलसिला चल पड़ा. नहरों का पानी बर्दवान व बांकुड़ा में नहरों के जरिये धान के खेतों में जाने लगा है.
सिंचाई विभाग, दुर्गापुर के पदाधिकारी व कार्यपालक अभियंता संजय मजूमदार ने बताया कि शनिवार से सिंचाई के लिए प्रथम चरण में नहरों से पानी छोड़ना शुरूहो गया. किसानों की मांग को देखते हुए सिंचाई के लिए बड़ी जलराशि छोड़ी गयी है. यह प्रक्रिया अगले करीब 15 दिनों तक चलेगी. कम बारिश से दक्षिण बंगाल के विभिन्न हिस्सों के साथ पूर्व व पश्चिम बर्दवान में धान की खेती प्रभावित हो रही थी. सिंचाई जल के उपलब्ध होने से पश्चिम व पूर्व बर्दवान और हुगली के कई हिस्सों व बांकुड़ा के किसानों को धान की खेती में सहूलियत होगी.उधर, बांकुड़ा में भी बारिश की कमी से किसानों की हालत पतली है. ऐसे में डीवीसी से छोड़े गये जल से किसानों को बड़ी राहत मिली है. किसानों को खरीफ सीजन में घाटा हुआ है. खेती को गति देने के लिए शनिवार सुबह से दुर्गापुर बैराज के दोनों ओर की नहर से छह हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जुलाई खत्म होने को है, लेकिन दक्षिण बंगाल के जिलों में नाकाफी बारिश से कृषक बेहाल हैं. डीवीसी ने मैथन और पंचेत डैम से पानी छोड़ने का फैसला किया है. इसी तरह उन दोनों जलाशयों से पानी मिलने के बाद दुर्गापुर बैराज से पानी छोड़ने की योजना बनायी गयी. तदनुसार, दुर्गापुर बैराज के 2 किनारों पर सिंचाई नहरों ने शनिवार सुबह 6 बजे से पानी छोड़ना शुरू कर दिया. डीवीसी अधिकारियों ने बताया कि अगले 12 से 15 दिनों तक पानी छोड़ा जायेगा. डीवीसी ने फिलहाल एक लाख 30 हजार एकड़ फीट पानी देने का वादा किया है.
इस पानी को छोड़े जाने के बाद बरजोड़ा के विधायक आलोक मुखर्जी ने कहा कि इस साल बहुत कम बारिश हुई है. मुख्यमंत्री की अपील के बाद डीवीसी ने पानी छोड़ना शुरू किया है. इससे बांकुड़ा के बरजोड़ा, सोनामुखी और पात्रसायर ब्लॉक के किसानों को फायदा होगा. इसके अलावा पूर्व व पश्चिम बर्दवान, हुगली व हावड़ा में भी धान की खेती को गति मिलेगी. दुर्गापुर बैराज से सिंचाई के लिए पानी की पहली खेप देर से छोड़े जाने से भी किसानों के चेहरे खिल गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है