Loading election data...

दामोदर से पानी छोड़े जाने से कांकसा के किसान भी हुए खुश

पश्चिम बर्दवान के कांकसा ब्लॉक में जुलाई माह बीतने को है, लेकिन देवराज इंद्र की कृपादृष्टि इस जिले व ब्लॉक में वैसी नहीं पड़ी है, जैसी पिछले वर्षों में पड़ती रही है. बादलों के छाये रहने के बावजूद झमाझम बारिश नहीं हो रही है. मानसून के समय कम बारिश होने से अमन धान की खेती को लेकर किसान चिंतित हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 9:22 PM

पानागढ़.पश्चिम बर्दवान के कांकसा ब्लॉक में जुलाई माह बीतने को है, लेकिन देवराज इंद्र की कृपादृष्टि इस जिले व ब्लॉक में वैसी नहीं पड़ी है, जैसी पिछले वर्षों में पड़ती रही है. बादलों के छाये रहने के बावजूद झमाझम बारिश नहीं हो रही है. मानसून के समय कम बारिश होने से अमन धान की खेती को लेकर किसान चिंतित हैं. सिंचाई के अभाव में बीघा दर बीघा खेतिहर भूमि में फसल नहीं लग पा रही है. ऐसे में कांकसा ब्लॉक के किसान परेशान हैं. इसलिए किसानों को सिंचाई के पानी की सुविधा के लिए दुर्गापुर में दामोदर घाटी निगम (दुर्गापुर बैराज) से दायीं और बायीं सिंचाई नहरें शुरू की गयीं. सिंचाई की कमी के कारण दक्षिण बंगाल के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ अमन धान की खेती अब तक पश्चिमी बर्दवान के कांकसा में शुरू नहीं हो पाई है. सिंचाई जल आपूर्ति के लिए पानी छोड़ने का निर्णय मंगलवार को पूर्व बर्दवान के जिलाधिकारी की बैठक में लिया गया था. दामोदर घाटी निगम के माध्यम से सिंचाई जल की आपूर्ति के लिए गुरुवार को पंचेत और मैथन जलाशयों से पानी छोड़ा गया. पूर्व बर्दवान, पश्चिम बर्दवान, बांकुड़ा, हावड़ा, हुगली के किसानों की सिंचाई सुविधा के लिए दुर्गापुर के दामोदर घाटी निगम की बायीं और दायीं दो सिंचाई नहरें शनिवार सुबह से 6 हजार क्यूसेक पानी के साथ शुरू हो गयीं. पहले चरण में लगातार 15 दिन तक इसी तरह पानी छोड़ा जाएगा.फिर यह 31 अक्टूबर तक बिना इस पानी के जारी रहेगा. सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता संजय मजूमदार ने बताया कि इस साल 40% बारिश की कमी है. डीवीसी के इस निर्णय से कांकसा ब्लॉक के गोपालपुर,अमला जोड़ा, कांकसा,त्रिलोकचंद्रपुर ग्राम पंचायत के किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. किसान हरे कृष्ण बागदी का कहना है की इस वर्ष कम बारिश होने के कारण ही अबतक हम लोगों ने अमन धान की रोपाई शुरू नही कर सके. अब दामोदर निगम द्वारा डीवीसी कैनल में छोड़े जा रहे पानी के कारण धान रोपाई की उम्मीद जगी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version