हावड़ा के कई इलाकों में जलजमाव
चक्रवात रेमाल के चलते रविवार रात से सोमवार दोपहर तक हुई मुसलाधार बारिश से शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
हावड़ा . चक्रवात रेमाल के चलते रविवार रात से सोमवार दोपहर तक हुई मुसलाधार बारिश से शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बाली, लिलुआ, उत्तर हावड़ा, मध्य हावड़ा, दक्षिण हावड़ा और शिवपुर के अधिकतर इलाकों में कहीं घुटने, तो कहीं कमर भर पानी जम गया. सबसे बदतर स्थिति उत्तर-दक्षिण हावड़ा और शिवपुर इलाके की रही. उत्तर हावड़ा के घुसुड़ी, सत्यबाला, सलकिया, बामनगाछी सहित अन्य इलाकों में जलजमाव से लोगों को भारी परेशानी हुई. मध्य हावड़ा के टिकियापाड़ा, पंचान्नतला रोड, बाइपास और शिवपुर के बेलगछिया, दासनगर, शानपुर इलाकों में भी यही हाल रहा. टिकियापाड़ा, बेलगछिया और दासनगर में बारिश का पानी घर के अंदर घुस गया. बारिश से व्यवसाय भी प्रभावित रहा. शहर की अधिकतर दुकानें बंद रहीं. वहीं, हावड़ा नगर निगम की ओर से जलजमाव से निबटने के लिए पूरी कोशिश की गयी. निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने बताया कि भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलजमाव हो गया है. ज्वार की वजह से लॉकगेट फिलहाल बंद रखा गया है. नदी का जलस्तर कम होते ही सभी लॉकगेट खोल दिये जायेंगे. शहर के विभिन्न इलाकों में जल निकासी के लिए कुल 72 पंप काम कर रहे हैं. पोर्टेबल पंप की भी मदद ली जा रही है. अगर अब बारिश नहीं होती है, तो मंगलवार दोपहर तक शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से राहत मिल जायेगी. मूंगफली व तिल की खेती को नुकसान : रेमाल का असर ग्रामीण हावड़ा में भी देखा गया. उदयनारायणपुर और आमता में मूंगफली और तिल की खेती को नुकसान पहुंचा है. डीएम पी दीपप्रिया ने कहा कि ग्रामीण हावड़ा के अलग-अलग इलाकों में करीब 150 पेड़ उखड़ गये. इन पेड़ों को हटाने का काम चल रहा है. कुल 2000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है.
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