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केंद्र से मिले फंड का 27% ही खर्च कर पायी पश्चिम बंगाल सरकार

खुलासा. 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत बंगाल को मिले थे 3123 करोड़

खुलासा. 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत बंगाल को मिले थे 3123 करोड़ कोलकाता. लोकसभा चुनाव के बाद भी केंद्र व राज्यों के बीच फंड जारी करने को लेकर तकरार जारी है. राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र ने 100 दिवसीय ग्रामीण रोजगार योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं के लिए राज्य आवंटन को रोक दिया है. इसलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के खजाने से ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना क्रियान्वित करने की योजना बनायी है. दिसंबर 2024 तक लोगों में फंड वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इसी बीच, एक तथ्य सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्र सरकार द्वारा मिले फंड को राज्य सरकार खर्च नहीं कर पायी है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने अब तक 3,123 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं और जून 2024 तक सिर्फ 848 करोड़ 93 लाख रुपये ही खर्च हुए हैं, जो कुल आवंटित फंड का महत 27.18 प्रतिशत है. बताया गया है कि जिला कोषागार में कई महीनों से करीब 2274 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं. गौरतलब है कि वित्त आयोग इस धनराशि का 60 प्रतिशत हिस्सा निर्दिष्ट योजना के अनुसार खर्च करने के लिए सशर्त निधि आवंटित करता है, जिसे पेयजल, स्वच्छता परियोजनाओं पर खर्च किया जाता है. इसलिए ग्राम पंचायतों को हर साल जनवरी-फरवरी माह में कुछ परियोजनाओं की मंजूरी देनी होती है. शेष 40 प्रतिशत अनटाइड फंड या बिना शर्त फंड के लिए आवंटित किया जाता है. ग्राम पंचायतों को इस फंड की राशि को खर्च करने की आजादी रहती है. यह फंड मुख्य रूप से ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किया जाता है. इस फंड को वेतन, प्रशासनिक या परिवहन संबंधी कार्यों पर खर्च नहीं किया जा सकता है. किस जिले में कितना फंड हुआ खर्च बताया गया है कि सबसे कम फंड उत्तर 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिले में खर्च किये गये. इन दोनों जिलों ने आवंटित धन का मात्र 20 फीसदी से कुछ अधिक राशि ही खर्च किया है. जानकारी के अनुसार, राज्य के 10 जिलों ने ग्रामीण विकास के लिए वित्त आयोग द्वारा आवंटित धन का 25 प्रतिशत से भी कम राशि खर्च किया है, जिनमें दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना, झाड़ग्राम, पुरुलिया, हावड़ा, पूर्व मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना शामिल हैं. बताया गया है कि सबसे अधिक राशि कूचबिहार जिले में खर्च किया गया है, जोकि कुल फंड का 48.08 प्रतिशत है. सीएम ने फंड खर्च पर उठाये थे सवाल हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीण विकास पर फंड खर्च करने को लेकर सवाल उठाये थे. उन्होंने यह भी शिकायत की कि टेंडर के नाम पर पैसे लिये जा रहे हैं. ऐसे में, 15वें वित्त आयोग की राशि के खर्च को लेकर पंचायत कार्यालय की रिपोर्ट को प्रशासनिक स्तर पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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