कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघसंचालक मोहन भागवत कोलकाता प्रवास के दौरान कोरोना काल में सेवा, स्वदेशी, आत्मनिर्भरता, शिक्षा व्यवस्था व देश पुनर्निर्माण का मंत्र आरएसएस पदाधिकारियों को देंगे. इसके साथ ही कोरोना कार्य के दौरान सेवा कार्य की समीक्षा भी करेंगे. श्री भागवत मंगलवार की शाम को कोलकाता पहुंचें तथा बुधवार व गुरुवार को दो दिन आरएसएस पदाधाकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.
कोरोना के मद्देनजर श्री भागवत का लगभग एक वर्ष के अंतराल में यह बंगाल दौरा है. आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार श्री भागवत वैश्विक संकट ‘कोविड -19 और चक्रवाती तूफान अम्फन के दौरान संघ के सेवा कार्यों को लेकर चर्चा करेंगे. वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संघ का सेवा कार्य निरंतर जारी है.
जिस तरह से मानव जीवन नहीं रूकता है.उसी तरह से संघ का सेवा कार्य भी नहीं रूकता है. महामारी से भयभीत नहीं होना होगा, वरन आत्मविश्वास के साथ योजना बनाकर इसका मुकाबला करना होगा. वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि कई लोग स्वार्थ के कारण सेवा कार्य और संघ के कार्यों के प्रति लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन बिना उन पर ध्यान दिये और प्रतिक्रिया जताये निरंतर सेवा कार्य व अपने लक्ष्य हासिल करने के प्रति कार्य करते रहना होगा.
उन्होंने कहा कि सेवा तब तक जारी रहेगी. जब तक बुरा समय जारी रहेगा. हमें राजनीति में तटस्थ रहना होगा और खुद को सेवा के काम में समर्पित करना होगा. हमें राजनीति से परे सेवा करनी होगी. संघ की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. क्रोध और भय हमारे सेवा कार्य में बाधा न दें. महामारी एक दिन चली जायेगी. फिर हमें राज्य का पुनर्निर्माण करना होगा.
हमें इस महामारी से सीखना होगा. हमें एक आधुनिक अर्थव्यवस्था बनानी होगी. स्वदेशी व्यवहार के लिए अपना मन बनाना होगा. स्वदेशी उत्पादन पर जोर देने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता पर जोर देना होगा. बैठक में जल और वृक्ष संरक्षण, जैविक खेती, पशु संरक्षण, प्लास्टिक-मुक्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
समीक्षा बैठक में शिक्षा की स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है. वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा : शिक्षा प्रणाली निष्पक्ष होनी चाहिए. शिक्षा प्रणाली के मामले में छोटी संख्या में कक्षाओं और इलेक्ट्रॉनिक या ई-कक्षा पर जोर देना महत्वपूर्ण है. शिक्षा में योग प्राणायाम, योग विधियों का संयोजन आवश्यक है.
posted by : sameer oraon