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West Bengal: संदेशखाली की ‘प्रताड़ित’ महिलाओं को राजभवन शरण देने के लिए तैयार, बोले राज्यपाल सीवी आनंद बोस

West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को कहा कि अशांत संदेशखाली की उन महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खुले हैं, जो अपने घरों में असुरक्षित महसूस करती हैं.

West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को कहा कि अशांत संदेशखाली की उन महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खुले हैं, जो अपने घरों में असुरक्षित महसूस करती हैं. खुद को संदेशखाली की महिलाओं का ‘राखी भाई’ मानने वाले डाॅ बोस ने कहा कि वह अपनी क्षमतानुसार ‘प्रताड़ित’ महिलाओं की हरसंभव मदद करने को संकल्पबद्ध हैं.

राजभवन में शरण लेने वाली महिलाओं को मिलेंगी ये सुविधाएं

उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की ‘प्रताड़ित’ महिलाएं राजभवन में शरण ले सकती हैं, जहां उन्हें आश्रय, भोजन और सुरक्षा प्रदान की जायेगी. डॉ बोस ने कहा कि पीड़ित महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खुले हैं, जो यहां आकर रह सकती हैं. हम उन्हें आश्रय, भोजन और सुरक्षा प्रदान करेंगे.

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खतरा महसूस करने वाली महिलाएं ‘शांति कक्ष’ से संपर्क करें

राज्यपाल ने कहा कि खतरा महसूस करने वालीं महिलाएं शिकायत दर्ज कराने के लिए राजभवन के ‘शांति कक्ष’ से संपर्क कर सकती हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि संपर्क करने पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. राजभवन ने पहले भी ऐसे व्यक्तियों को आश्रय प्रदान किया था, जिन्हें राज्य में पिछले साल के पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा के दौरान अपने इलाकों में खतरों का सामना करना पड़ा था.

संदेशखाली की भलाई मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता : राज्यपाल

यह पूछे जाने पर कि क्या स्थिति के मद्देनजर वह संदेशखाली का दोबारा दौरा करेंगे, डॉ बोस ने जवाब दिया कि फिलहाल, संदेशखाली की भलाई मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है. अगर जरूरत पड़ी, तो मैं दोबारा वहां का दौरा करूंगा. डॉ बोस ने हाल में संदेशखाली का दौरा किया था और वहां की महिलाओं को सहायता का वादा किया था. उन्होंने संदेशखाली में स्थिति को ‘भयानक, चौंकाने वाला और विनाशकारी’ बताया है. माना जाता है कि डॉ बोस ने मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भी सौंपी है.

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