सरकार ने फर्जी शिक्षकों के वेतन पर हुए खर्च की वसूली के लिए क्या कदम उठाये
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से मांगी जानकारी
कोलकाता. राज्य के कई स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले अब भी सामने आ रहे हैं. आरोप है कि ये शिक्षक कई वर्षों से काम रहे थे और उन्हें वेतन भी मिल रहा था. मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि राज्य में ”फर्जी” शिक्षकों के वेतन पर खर्च की गयी धनराशि की वसूली के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये हैं? इसे लेकर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट देने को कहा है. स्कूल सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षक नियुक्ति में ”भ्रष्टाचार” के एक मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने यह आदेश दिया. राज्य को 12 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई के दिन कोर्ट को रिपोर्ट सौंपनी होगी. गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद के सुती गोथा ए रहमान हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. इसे लेकर हाइकोर्ट में केस दायर किया गया था. उस मामले में कई फर्जी शिक्षक पकड़े गये थे. इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने घटना की सीआइडी जांच का आदेश दिया था और मामले की जांच में राज्य के पांच और फर्जी शिक्षकों का पता चला. न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने कहा कि उन शिक्षकों का वेतन सरकारी खजाने से दिया गया था. राज्य को वह पैसा वापस लेना होगा. गोथा ए रहमान स्कूल के इस मामले में सीआइडी ने एसएससी के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया है. वह अभी भी जेल की हिरासत में है. लेकिन आरोप है कि उस चेयरमैन के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गयी. मंगलवार को हाइकोर्ट ने इस पर सवाल उठाये. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने एसएससी से कहा कि अगर आरोपी जेल से रिहा हो जाता है, तो क्या आप फिर से उस व्यक्ति को एसएससी का अ ध्यक्ष बनाना चाहते हैं? अगर ऐसा नहीं है, तो कोर्ट के कहने के बाद भी उसके खिलाफ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है? चेयरमैन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं की गयी, एसएससी को अगली सुनवाई में यह भी कोर्ट को बताना होगा.
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