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आखिरकार छात्रा की मौत की जिम्मेवारी लेगा कौन?

हावड़ा के मालीपांचघड़ा थाना अंतर्गत भैरव घटक लेन में एमएससी फाइनल इयर की छात्रा पूर्वी दास (22) की जान करंट की चपेट में आने से चली गयी.

कुंदन झा, हावड़ा

दो दिनों से हो रही लगातार बारिश और ध्वस्त हो चुकी निकासी व्यवस्था के बीच हमेशा की तरह जलजमाव होने से उत्तर हावड़ा के मालीपांचघड़ा थाना अंतर्गत भैरव घटक लेन में एमएससी फाइनल इयर की छात्रा पूर्वी दास (22) की जान करंट की चपेट में आने से चली गयी. स्थानीय विधायक, हावड़ा नगर निगम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी निश्चित तौर पर इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताकर अपनी पीड़ा जाहिर कर रहे हैं, लेकिन इस छात्रा की मौत का जिम्मेवार कौन है, इसका जवाब किसी अधिकारी और सत्ता पक्ष के नेता के पास नहीं है. दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहने के अलावा इनके पास कुछ नहीं है. आखिर जलजमाव से यह शहर कब मुक्त होगा, इसका जवाब इनके पास नहीं है. जबकि इलाके के लोगों के अनुसार, इस घटना के लिए पूरी तरह से निगम जिम्मेवार है. यह स्थिति तब है, जब पिछले महीने सीएम ममता बनर्जी ने हावड़ा में जलजमाव को लेकर निगम पर अपना गुस्सा जाहिर किया था.

वहीं, पुलिस भी अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कर मामले को रफा-दफा करने में जुटी है. ऐसा नहीं है कि शहर में इस तरह की घटना पहली बार हुई है. 2021 में शिवपुर में मोहम्मद युसूफ और 2022 में हावड़ा नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने मनीषा साव की जान भारी बारिश के बीच करंट लगने से चली गयी थी. मौत की खबर सुनते ही ये प्रशासनिक अधिकारी और सत्ता पक्ष के नेता, मृतक व मृतका के परिजनों से मिलने पहुंचते हैं. संवेदना व्यक्त करते हुए सभी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं और जांच का आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन असली बात यह कि घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा.

गुरुवार की रात को छात्रा की मौत की खबर मिलते ही स्थानीय विधायक गौतम चौधरी मौके पर पहुंचे और घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जलजमाव नहीं होने से यह घटना नहीं होती, लेकिन वाम जमाने से लेकर तृणमूल जमाने तक घंटों जलजमाव क्यों हो रहा है, इसका जवाब नहीं है. एक निर्माणाधीन मकान से बिजली का तार पानी में कैसे गिरा, फिलहाल यह अभी जांच का विषय है. उस मकान के मालिक पर कानूनी कार्रवाई होगी कि नहीं, यह आने वाला समय बतायेगा.

वहीं, हावड़ा नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. हालांकि डॉ चक्रवर्ती ने माना कि जलजमाव एक बड़ी समस्या तो है. लगातार बारिश से होने से समस्या बढ़ गयी है. क्योंकि पानी निकलने में समय लग रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि भैरव घटक लेन में नालों के ऊपर सीमेंट का स्लैब रख दिया गया है, जिससे नालों की सफाई ठीक से नहीं हो पा रही है.

उल्लेखनीय है कि पूर्वी दास गुरुवार की रात को अपने परिवार के साथ अपने मुहल्ले के ही एक घर में जा रही थी. जन्मदिन पर पूरे परिवार का निमंत्रण था. रात नौ बजे बारिश थमने के बाद वह अपने बहन के साथ निकली. पूरे इलाके में घुटना भर पानी जना था. इसी समय एक बिजली का तार उसके छाते पर आ गिरा और वह करंट की चपेट में आकर पानी में गिर पड़ी. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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