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हाइकोर्ट के निर्देश के बावजूद अवैध निर्माण को क्यों नहीं तोड़ रहा निगम

न्यायाधीश ने जतायी नाराजगी

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने शुक्रवार को महानगर में अवैध निर्माण से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अदालत द्वारा बार-बार निर्देश दिये जाने के बाद भी आखिर अवैध निर्माण क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है. आखिर नगर निगम अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए बार-बार समय क्यों मांग रहा है. बताया गया है कि महानगर के इकबालपुर में डेंट मिशन रोड पर हुए एक अवैध निर्माण के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने छह मंजिला अवैध मकान को गिराने का आदेश दिया था, लेकिन एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अब तक अवैध मकान को नहीं गिराया गया है. शुक्रवार को सुनवाई में कोलकाता नगर निगम के वकील ने इकबालपुर के अवैध मकान को तोड़ने के लिए कम से कम और तीन महीने का समय देने की मांग की, जिस पर न्यायाधीश नाराज हो गयीं. निगम के अधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक कई जगहों पर अवैध निर्माण को तोड़ने का काम चल रहा है, लेकिन इस काम को पूरा करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए. इस पर न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने कहा कि अवैध निर्माण के दौरान घर रातों-रात बनता है और अवैध निर्माण को तोड़ने में वर्षों कैसे लग जाते हैं. इस पर निगम के अधिवक्ता ने कहा कि यह इलाका इतना घना है कि निगम अपने उपकरणों का ठीक से उपयोग नहीं कर पा रहा है. छह मंजिले मकान को गैस कटर, हथौड़े से तोड़ा जाना है, इसलिए काम बहुत धीमा है. इसके बाद न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने इकबालपुर थाने को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि क्षेत्र में कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो. शुक्रवार को नगर निगम के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि इस अवैध मकान को तोड़ने का काम अगले तीन महीने के भीतर पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद न्यायाधीश ने निगम को पांच दिसंबर तक का समय दे दिया.

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