मायलोमा से पीड़ित म्यांमार की महिला का हुआ सफल इलाज

महानगर के एचसीजी कैंसर सेंटर ने 62 वर्षीय महिला रोगी में एक खतरनाक प्रकार के रक्त कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया है. नवीनतम ‘सीएआर टी सेल जीन थेरेपी’ से महिला मरीज की चिकित्सा की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2024 12:53 AM

कोलकाता

. महानगर के एचसीजी कैंसर सेंटर ने 62 वर्षीय महिला रोगी में एक खतरनाक प्रकार के रक्त कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया है. नवीनतम ‘सीएआर टी सेल जीन थेरेपी’ से महिला मरीज की चिकित्सा की गयी है. अस्पताल के हेमाटो ऑन्कोलॉजी और बीएमटी विभाग के एचओडी और सीनियर कंसल्टेंट डॉ जॉयदीप चक्रवर्ती के नेतृत्व में अस्पताल की हीमैटो ऑन्कोलॉजी टीम ने महिला का सफल इलाज किया.

अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस साल जनवरी में म्यांमार की 62 वर्षीय मरीज मैया (बदला हुआ नाम) को म्यांमार में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसे कोलकाता के एचसीजी कैंसर सेंटर में रेफर किया था. वह ‘लैम्ब्डा लाइट मायलोमा’ से पीड़ित थीं, जो एक प्रकार का रक्त कैंसर है, जो अस्थि मज्जा में प्लाज्मा कोशिकाओं से विकसित होता है. उनकी हड्डियों में बड़े पैमाने पर ट्यूमर थे, जिससे उनकी हड्डियां कमजोर थी और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होने का खतरा था, जिससे पीठ में दर्द होने लगा और उन्हें बिस्तर पर पड़े रहना पड़ा. इसके अलावा, उन्हें मूत्र पथ और गुर्दे के यूरोसेप्सिस संक्रमण से और भी जटिलताएं थी, जिससे इस कैंसर का इलाज मुश्किल हो गया. डॉ जॉयदीप चक्रवर्ती और उनकी ऑन्कोलॉजी टीम ने जांच की. इसके बाद महिला पर चिकित्सकों ने उन्होंने सीएआर टी-सेल थेरेपी की.

हीमैटो ऑन्कोलॉजी और बीएमटी के प्रमुख डॉ जॉयदीप चक्रवर्ती ने बताया मरीज को म्यांमार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कैंसर थेरेपी के साथ-साथ सेप्सिस संक्रमण का भी इलाज किया जा रहा था. जब उसके डॉक्टर को पता चला कि उस पर इलाज का कोई असर नहीं हो रहा है, तो उन्होंने उसे हमारे पास रेफर कर दिया. उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप भी था. जिसने इलाज को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया था. हमने निर्णय लिया कि सीएआर-टी सेल थेरेपी सबसे अच्छा तरीका है. थेरेपी के बाद उसका कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया है, उसकी सभी स्वास्थ्य समस्याएं और लक्षण ठीक हो गये हैं और उसे छुट्टी दे दी गयी है. वह पूरी तरह से स्वस्थ है.

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