WB: पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की छेड़छाड़ वाला मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है. राजभवन की ‘पीड़िता’ ने पहले न्याय की गुहार लगाते हुए राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस बार उन्होंने राजभवन की घटना को विस्तार से बताकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया. एक सप्ताह पहले महिला कार्यकर्ता ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को ईमेल के जरिये इसकी जानकारी दी थी. इसके बाद ‘पीड़ित’ ने इसी हफ्ते एक और पत्र भेजा है.नतीजतन, गवर्नर बोस पर नया दबाव बढ़ने वाला है ? जिसे लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं.
राजभवन का दावा- महिला से छेड़छाड़ के आरोप झूठे
राजभवन ने राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस पर लगे महिला से छेड़छाड़ के आरोप की जांच रिपोर्ट जारी की है. आठ गवाहों के बयानों के आधार पर जांच रिपोर्ट सेवानिवृत्त पुडुचेरी सिटी और सत्र न्यायाधीश डी रामबाथिरन द्वारा तैयार की गयी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि राजभवन की महिला कर्मियों द्वारा राज्यपाल पर लगाये गये छेड़छाड़ के आरोप बेबुनियाद हैं. ध्यान रहे कि दो मई को राजभवन के पीस हाउस की एक अस्थायी महिला कर्मचारी ने थाने में राज्यपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी.
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क्या है मामला
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 मई को राजभवन में रात बिताने वाले थे, जिस दिन राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज की गयी थी. बीते दिन से ही एसपीजी ने राजभवन की सुरक्षा संभाल ली थी. किसी के साथ छेड़छाड़ करना कैसे संभव है? वहीं, इस रिपोर्ट को बकवास बताते हुए तृणमूल प्रवक्ता ने कहा कि अगर राज्यपाल में हिम्मत है तो उन्हें पुलिस जांच का सामना करना चाहिए.
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