बिहार व बंगाल की दो महिलाएं एक-दूसरे के बच्चे के लिए दान करेंगी अपनी-अपनी किडनी
इसमें खास बात यह है कि इन दोनों मरीजों को दो महिलाओं से किडनी प्राप्त होने को. ये दोनों महिलाएं इन दोनों की माताएं हैं.
शिवकुमार राउत, कोलकाता.
खराब हो चुकी किडनी के बूते जीवन के लिए संघर्ष कर रहे दो युवकों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है. कोलकाता के एसएसकेएम (पीजी) हॉस्पिटल में जल्द ही इन दोनों के शरीर में दूसरी किडनी का प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांटेशन) किया जायेगा. इसमें खास बात यह है कि इन दोनों मरीजों को दो महिलाओं से किडनी प्राप्त होने को. ये दोनों महिलाएं इन दोनों की माताएं हैं. और सबसे खास यह है कि ये दोनों महिलाएं एक-दूसरे के बच्चे के लिए किडनी दान (डोनेट) करेंगी.
अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक, एक-दूसरे के बच्चे के लिए किडनी दान करने वाली इन दोनों माताओं में से एक पश्चिम बंगाल की हैं, जबकि दूसरी बिहार की. पता चला है कि कुछ दिन पहले तक ये एक-दूसरे को जानती भी नहीं थीं. इस बीच, इन दोनों के बच्चों को किडनी की समस्या हुई. चिकित्सीय रिपोर्ट के अनुसार, इनकी किडनियां फेल हो चुकी हैं. इन दोनों युवकों का इलाज एसएसकेएम (पीजी) में ही चल रहा है. इन दोनों का ब्लड ग्रुप इनकी अपनी-अपनी माताओं से मैच नहीं कर रहा था. इलाज के दौरान ही इनकी चिकित्सा से जुड़े डॉक्टरों का ध्यान इस तथ्य पर गया कि ब्लड ग्रुप के हिसाब से इनकी माताओं की किडनियां एक-दूसरे के बच्चे के लिए फिट हो सकती हैं. ऐसे में चिकित्सकों की सलाह पर दोनों युवा मरीजों की माताओं ने एक-दूसरे की संतान के लिए किडनी दान करने का निर्णय लिया है.
पता चला है कि इसी सप्ताह पीजी हॉस्पिटल में पश्चिम बंगाल की एक महिला की किडनी बिहार के एक युवक को प्रत्यारोपित की जायेगी. दूसरी तरफ बिहार की एक महिला बंगाल के युवक के लिए अपनी डोनेट देगी. स्वास्थ्य भवन के मुताबिक राज्य में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में दो राज्यों के निवासियों की सहमति से एक ही समय में किडनी का प्रत्यारोपण किया जा सकेगा. इस बीच स्वास्थ्य भवन से दोनों मरीजों के सारे विवरण बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग को भी भेज दिया गया है. हॉस्पिटल सूत्रों के मुताबिक, बिहार सरकार ने किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी कर दिया है. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य एवं शिक्षा निदेशक प्रो डॉ कौस्तुभ नाइक के मुताबिक, अगर पहल सफल रही, तो किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों के परिजनों को अब ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा.
पीजी अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो डॉ अतनु पाल ने कहा, ””दो मरीजों का इलाज चल रहा है. दोनों युवा हैं. किडनी ट्रांसप्लांट इनकी जरूरत है. दोनों की माताएं किडनी डोनेट करने को तैयार तो थीं, लेकिन ब्लड ग्रुप का फर्क आड़े आ रहा था. इन दोनों मरीजों के ब्लड ग्रुप उनकी अपनी माताओं से मेल नहीं खा रहे थे. लेकिन दोनों महिलाओं के ब्लड ग्रुप एक-दूसरे के बच्चों से मिल रहे थे. इसके बाद दोनों परिवारों को समझाने पर दोनों ही तैयार हो गये. मुझे उम्मीद है कि इसी सप्ताह दोनों मरीजों की किडनी का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर दिया जायेगा.’
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