संवाददाता, कोलकाता
एक जून को रांची मंडल में रेल लाइन का ओवरहेड तार (ओएचई ) क्षतिग्रस्त होने से हुई नीलांचल एक्सप्रेस के दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इसके के बाद से ही सभी जोन के मंडलों में ओवरहेड तार का निरीक्षण और मरम्मत अभियान शुरू हो गया है.
पूर्व रेलवे के ट्रैक्शन रोलिंग स्टॉक (टीआरएस) और ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन (टीआरडी) टीमों ने संयुक्त रूप से हावड़ा, सियालदह, आसनसोल और मालदह मंडलों में ओएचई उपकरणों का निरीक्षण कार्य तेज कर दिया है. टीम रेलवे लाइन पर लगे ओएचई और ट्रेनों में लगे पेंटोग्राफ की गहन जांच कर रही है. टीम द्वारा पूर्व रेलवे के चारों मंडलों में अप्रैल 2024 से अबतक कुल 140 बार गहन जांच अभियान चलाया गया. हावड़ा में इलेक्ट्रिकल लोको शेड में 57, हावड़ा के डीजल शेड में छह, आसनसोल के इलेक्ट्रिक लोको शेड में 66, बर्दवान डीजल शेड में तीन और जमालपुर के डीजल शेड में आठ बार जांच अभियान चलाया गया. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पेंटोग्राफ और ओएचई के उपकरणों में होने वाले तकनीकी दोषों को समय पर पता लगाना और त्वरित कार्रवाई करते हुए उसमें सुधार करना है.
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