पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बर्दवान के कांकसा थाना क्षेत्र के गोपालपुर (Gopalpur) उत्तरपाड़ा गांव में अवैध संबंध को लेकर एक युवक की गला घोंट कर हत्या कर दी गयी. घटना मंगलवार देर रात स्थानीय सूद कारोबारी के घर के सामने हुई. मृतक का नाम पवित्र विश्वास(26) व ठिकाना उत्तरपाड़ा गांव ही बताया गया है. घटना के बाद इलाके में उत्तेजित ग्रामीणों का रातभर तांडव चला. घटना के बाद स्थानीय सूद कारोबारी फरार हो गया. हत्या का आरोपी सूदखोर को मान कर सैकड़ों ग्रामीण उसके घर पर टूट पड़े और जम कर उत्पात मचाया. वहां तोड़फोड़ की गयी और चौपहिया गाड़ी को आग लगा कर फूंक दिया गया.
हत्या के बाद आरोपी माना जा रहा सूदखोर फरार
गांव में बिगड़ते हालात व उत्तेजना के मद्देनजर कांकसा थाने से पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल वहां पहुंचा, तब जाकर स्थिति नियंत्रित हुई. पुलिस के अनुसार शोकाकुल विश्वास परिवार का आरोप है कि मंगलवार रात करीब 1:30 बजे स्थानीय सूद कारोबारी शंभू दास ने पवित्र को फोन कर घर से बुलाया था. फिर युवक के बाहर निकलने पर उसका गला घोंट दिया गया. इल्जाम है कि सूद कारोबारी के साथियों ने पवित्र को पहले बेरहमी से पीटा और फिर गला घोंट कर मार डाला. पवित्र विश्वास के मामा सुनील मंडल ने दावा किया कि मंगलवार रात पवित्र ने उन्हें फोन कर बचाने को कहा था. सुनील जल्दबाजी में शंभू दास के घर के बाहर गये, तो देखा कि पवित्र अचेत पड़ा था. हालांकि उन्हें नहीं पता कि शंभू विश्वास के घर में उत्पात व गाड़ी में आग किसने लगायी. घटना के बाद से संदिग्ध आरोपी शंभू दास फरार है.
संदिग्ध आरोपी के दो रिश्तेदारों को पकड़ थाने ले गयी पुलिस, कर रही पूछताछ
कांकसा के एसीपी सुमन कुमार जायसवाल ने बताया कि हत्या की जांच शुरू कर दी गयी है. राजबांध के निजी अस्पताल से शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए दुर्गापुर महकमा अस्पताल भेज दिया है. शंभू दास के खिलाफ पीड़ित विश्वास परिवार की शिकायत पर पुलिस जांच में लग गयी है. फरार शंभू दास की पुलिस को तलाश है. मामले में उसके दामाद गौरव बाला (35) और भतीजे विक्रम बाला (23) को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. पवित्र की मामी इतु मंडल ने बताया कि मंगलवार रात से पवित्र का पता नहीं चल रहा था.
पुलिस मामले की जांच में जुटी
फिर रात करीब 1.30 बजे पवित्र ने अपने दोस्तों को फोन कर जल्द शंभू के घर के सामने बुलाया था. उसने अंदेशा जताया था कि उसकी जान ली जा सकती है. फिर वहां पवित्र नहीं मिला. उसका फोन भी बंद हो गया था. तड़के करीब 3:00 बजे शंभू के घरवालों ने विश्वास परिवार को फोन कर बताया कि पवित्र नशे की हालत में उनके घर के सामने पड़ा है. विश्वास परिवार के सदस्य जब फिर शंभू दास के घर के सामने पहुंचे, तो वहां पवित्र अचेत पड़ा था. तुरंत पवित्र को करीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
भारी पुलिस बल ने पहुंच कर संभाली स्थिति
कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि पवित्र विश्वास तृणमूलकर्मी था. जांच-पड़ताल के जरिये पुलिस यह जानने में लगी है कि सूद के बकाया को लेकर पवित्र व शंभू में कुछ बकझक तो नहीं हुई थी, जिसके चलते हत्या कर दी गयी. अथवा, इसके पीछे कोई और वजह है. पुलिस यह भी देख रही है कि हत्याकांड के पीछे नाजायज संबंध तो नहीं है. यह भी कि शंभू दास की पत्नी से पवित्र का संबंध तो नहीं था. सूत्रों की मानें, तो शंभू ने अपनी पत्नी के साथ पवित्र को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. तब से उसकी पत्नी से अनबन चल रही थी. इसलिए उसने पवित्र को जान से मरवा दिया. ऐसे हरसंभव पहलू से मामले की तफ्तीश में पुलिस लगी है.
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