26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Wetland: बिहार को मिली बड़ी सौगात, नागी और नकटी बर्ड सेंचुरी रामसर साइट में शामिल

Wetland: बिहार के नागी और नकटी बर्ड सेंचुरी को रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है. बिहार के जमुई जिले में 200 हेक्टेयर आर्द्रभूमि क्षेत्र में फैले इस नागी पक्षी अभयारण्य को 1984 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था.

Wetland: पटना. बिहार के नागी और नकटी बर्ड सेंचुरी को रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है. कई वर्षों से इनकी मांग हो रही थी. वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने आखिरकार बिहार को ये बड़ी सौगात दे दी है. इसके साथ ही रामसर साइट में शामिल होने वाले वेटलैंडों की संख्या अब 82 हो गई है. मंत्रालय के अनुसार रामसर साइट में शामिल हुए बिहार के दोनों वेटलैंडों का कुल क्षेत्रफल 544.37 हेक्टेयर है. इसके साथ ही देश में रामसर साइट का कुल क्षेत्रफल अब बढ़कर 13.32 लाख हेक्टेयर से अधिक का हो गया है.

क्या होता है वेटलैंड

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि बिहार के इस दो वेटलैंडों को संरक्षित करने से देश में बढ़ते मरुस्थलीकरण को रोकने में मदद मिलेगी. वेटलैंड एक ऐसी नम भूमि होती है, जहां बारिश के समय पानी जमा होता है. साथ ही इस क्षेत्र में पक्षियों की बड़ी संख्या में प्रजाति भी पायी जाती है. बिहार की लोकभाषा में इसे चौर कहते हैं. देश में पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में ऐसे अभयारण्यों को रामसर साइट में शामिल किया गया है. इस दर्जे के साथ ही इनके संरक्षण के लिए यूनेस्को मदद देता है.

क्या है रामसर साइट

रामसर साइट रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की एक नम भूमि होती है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित ”वेटलैंड्स पर कन्वेंशन” के रूप में भी जाना जाता है और इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहां उस वर्ष सम्मेलन पर सभी देशों ने हस्ताक्षर किये गए थे. रामसर साइट की पहचान दुनिया में नम यानी आ‌र्द्र भूमि के रूप में होती है. इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व है. इसमें ऐसी आद्र भूमि शामिल की जाती है, जहां जल में रहने वाले पक्षी भी बड़ी संख्या में रहते है. किसी भी नम भूमि के रामसर साइट में शामिल होने से उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर से सहयोग भी प्रदान किया जाता है.

Also Read: Bihar Results: शांभवी चौधरी ने दर्ज की बड़ी जीत, बनी सबसे युवा महिला सांसद

1984 में पक्षी अभयारण्य घोषित

नागी पक्षी अभयारण्य बिहार के जमुई जिले में 200 हेक्टेयर का आर्द्रभूमि क्षेत्र है. नागी बांध के निर्माण के परिणामस्वरूप बनी यह आर्द्रभूमि अक्टूबर से अप्रैल तक सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख स्थान है. इसे 1984 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था. इसे बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (आईबीए) के रूप में भी नामित किया गया है. नागी पक्षी अभयारण्य एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में नामित होने का मुख्य कारण था. खेती वाले क्षेत्रों से परे, जल निकाय बंजर, चट्टानी भूभाग से घिरा हुआ है. नतीजतन, भारतीय कोर्सर, भारतीय सैंडग्राउज़, येलो-वॉटल्ड लैपिंग और भारतीय रॉबिन जैसे शुष्क भूमि पक्षी भी यहाँ देखे जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें