Women’s Day डेमोक्रेसी की नींव बिहार में पड़ी. पहली बार जब चुनाव हुआ तो पुरुषों के साथ महिलाओं का नाम मतदाता सूची में जुड़ा. उस समय महिलाओं की पहचान उनके पिता या पति के नाम से ही होती थी. वर्तमान में यह परिदृश्य बदला है. अब महिलाएं विधानसभा से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
चुनाव में महिलाओं की भागीदारी अहम है. यदि शत प्रतिशत महिलाएं मतदान करें तो लोकतंत्र मजबूत होगा और वे अपना प्रतिनिधि चुनकर अपने क्षेत्र, समाज और देश की दिशा और दशा तय कर पायेंगी. ये बातें गुरुवार को बेला स्थित महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रभात खबर की ओर से आयोजित मतदाता सह साइबर जागरूकता समारोह को संबोधित करते हुए जिले के उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार ने कहीं.
उन्होंने पहली बार वोटर बनने वाली छात्राओं को मतदान के लिए प्रेरित किया. कहा कि इसके लिए जरूरी नहीं है कि वे अपने जिले से ही मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकती हैं. उन्होंने बताया कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की ओर से वोटर हेल्पलाइन एप और वोटर सर्विसेस पोटल की शुरूआत की गई है. छात्राएं इसके माध्यम से ऑनलाइन माध्यम से अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकती हैं. इसमें अपनी फोटो और अपने परिवार से जुड़े किसी एक व्यक्ति का इपिक नंबर के साथ अन्य जानकारी देकर आवेदन करेंगी.
इसके सात से 10 दिनों के भीतर उनका नाम संबंधित क्षेत्र के मतदाता सूची में जुड़ जायेगा. उन्होंने छात्राओं को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मतदान की महत्ता से छात्राओं को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सर्वाधिक आबादी वाले देशों में से एक है. यहां 65 प्रतिशत मतदाता युवा है. ऐसे में आधी आबादी की वोटिंग महत्वपूर्ण है. महिलायें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें और मतदान कर अपना प्रतिनिधि स्वयं चुनें.
मोहल्ले, क्षेत्र और देश का विकास तभी संभव हो सकेगा जब महिलायें अपने अधिकार को समझकर वोटिंग करेंगी. कॉलेज के प्राचार्य डॉ वरुण कुमार राय ने छात्राओं को मतदान के लिए प्रेरित किया. इससे पूर्व कॉलेज के प्राध्यापक डॉ विनीत कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सेहत के लिए मतदान में सहभागिता जरूरी है. मौके पर कॉलेज के सभी शिक्षक और छात्रायें मौजूद थे.
वोटिंग के तरीके की दी जानकारी
उप निर्वाचन पदाधिकारी ने छात्राओं को इवीएम और वीवी पैट मशीन के फंक्शन को भी छात्राओं के साथ साझा किया. बताया कि जब इवीएम पर किसी भी उम्मीदवार के नाम के आगे का बटन दबाएंगे तो वीवी पैट मशीन में हमने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है उसका नाम और चुनाव चिह्न सात सेकेंड तक दिखेगा.
इससे हम संतुष्ट हो पाएंगे कि हमारा वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसके सामने का बटन हमने दबाया है. उन्होंने छात्राओं को पूरे उत्साह के साथ वोटिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. छात्राओं ने ओपेन सत्र में विशेषज्ञ से चुनाव से जुड़े प्रश्न पूछे. वोटिंग प्रक्रिया नाम जोड़ने और अन्य प्रश्नों का विशेषज्ञ ने उत्तर दिया
जब घर के विभिन्न कमरों की चाबी अलग-अलग तो डिजिटल पासवर्ड एक क्यों
साइबर डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष सीमा देवी ने छात्राओं को साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक किया. उन्होंने छात्राओं से पूछा कि उनके बैंकिंग एप से लेकर साेशल मीडियो एकाउंट्स के पासवर्ड एक हैं या अलग-अलग. इसपर बड़ी संख्या में छात्राओें ने बताया कि वे एक ही काॅमन पासवर्ड का इस्तेमाल विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर कर रहीं हैं.
इसपर साइबर डीएसपी ने उदाहरण के साथ समझाया कि जब हमारे घरों में अलग-अलग कमरे के लिए अलग ताला और उसकी अलग चाबी होती है तो फिर अलग-अलग प्लेटफार्म्स के लिए एक पासवर्ड क्यों. उन्होंने छात्राओं को पासवर्ड की मजबूती और अल्फान्यूमेरिक पैटर्न को लेकर जानकारी दी.
छात्राएं नहीं करें ये काम
वर्तमान में रिलेशनशिप में रहने के दौरान फोटो और वीडियो रिकार्ड करने और बाद में रिलेशनशिप समाप्त होने पर ब्लैकमेल करने की घटना को लेकर डीएसपी ने छात्राओं को सतर्क रहने को कहा. उन्होंने कहा कि अपनी निजी या रिलेशनशिप के दौरान कोई भी ऐसी तस्वीर या वीडियो रिकॉर्ड कर नहीं रखें या किसी से साझा नहीं करें जो बाद में परेशानी का सबब बन जाये.
ऑनलाइन पैसे उसी व्यक्ति को भेजें जिन्हें आप पहले से जानते हों. लौटरी, नौकरी, विदेश जाने, बिजली बिल भुगतान, पुलिस के नाम पर धमकी, सस्ता फर्नीचर खरीदने से लेकर शेयर बाजार में पैसे दोगुने करने के नाम पर हो रही ठगी के अलग-अलग प्रकार को उन्होंने उदाहरण सहित समझाया. कहा कि साइबर बदमाश मजबूरी, अज्ञानता और जल्दीबाजी का फायदा उठाकर लगातार लोगों को शिकार बना रहे हैं.
रियल टाइम इंफार्मेशन नहीं करें शेयर
साइबर लॉयर अनिकेत पीयूष ने छात्राओं को साइबर अपराध के दौरान उपयोग की जाने वाली तकनीक बिंदुओं से अवगत कराया. बताया कि हम शादी पार्टी से लेकर कहीं घूमने जाते हैं तो पल-पल की जानकारी सोशल साइट्स पर साझा करते हैं. साइबर अपराधी उन्हीं का गलत इस्तेमाल कर हमारे परिजनों से पैसे ऐंठ लेते हैं. उन्हें झूठी जानकारी दी जाती है कि आपका परिजन पुलिस केस में फंस गया है और उसके नाम पर पैसे ले लेते हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल फुटप्रिंट लाइफटाइम के लिए अंकित हाे जाता है. ऐसे में कोई भी ऐसी गतिविधि न करें जिससे हमारी नकारात्मक छवि सोशल साइट्स या मीडिया के माध्यम से हमेशा के लिए दर्जइ हो जाये. बाद में ये परेशानी का सबब हो सकती हैं.
देश में 850 मिलियन लोग कर रहे इंटरनेट का इस्तेमाल
अनिकेत पीयूष ने छात्राओं को बताया कि देश में 850 मिलियन लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें से 400 मिलियन से अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी विदेश से ठगी करने के लिए कोर्स कर रहे हैं. देश भर में उनका नेटवर्क है और वे अपने गैंग के माध्यम से प्रशिक्षण देकर युवाओं को उसका हिस्सा बना रहे हैं. इंटरनेट यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही साइबर अपराध की घटनायें बढ़ रही हैं. ऐसे में छात्राओं को इन जानकारियों से अपने अभिभावकों को भी अवगत कराने को कहा गया. छात्राओं को शपथ दिलाया गया कि वे अत्यधिक मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगी.
इन वेबसाइट्स के माध्यम से अपडेट रहने की जरूरत
फर्जी वेबसाइट्स की जानकारी लेने के लिए उस वेबसाइट के यूआरएल को urlscan.io पर जाकर जांच सकते हैं. यहां फर्जी या फेस वेबसाइट पर रेड अलर्ट मिलेगा. अपने ईमेल का इस्तेमाल कहां-कहां हो रहा है. इसे जांचने के लिए haveibeenpawned.com पर जाकर देख सकते हैं. अपने आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर को sancharsaathi.gov.in पर जाकर देख सकते हैं. यदि आपके आधार कार्ड से जुड़ा कोई ऐसा मोबाइल नंबर दिख रहा है जो आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हों. इसे यहीं से रिपोर्ट कर बंद किया जा सकता है. अपने पासवर्ड की मजबूती को password.kaspersky.com पर जाकर देख सकते हैं. यदि कोई बार-बार फोन या वाट्सएप के माध्यम से परेशान कर रहा हो तो उसे भारत सरकार के नये पोर्टल चक्षु पर रिपोर्ट कर सकते हैं.
इंटरनेट उपयोग करने के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
:: किसी कंपनी का हेल्पलाइन या टोल फ्री नंबर सर्च न करें. इसमें अधिकतर फ्रॉड होने की संभावना होती है.
:: अनजान व्यक्ति के फोन कर किसी भी काम या फंस जाने की धमकी देकर पैसे की मांग करने पर ऑनलाइन भुगतान न करें.
:: यदि किसी प्रकार के साइबर फ्राड या ऑनलाइन स्टॉकिंग के शिकार हो रहे हों तो इससे परेशान होकर कोई गलत कदम न उठायें. 1930 या साइबर क्राइम के पाेर्टल cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत दर्ज करें.
:: अपना एटीएम, बैंक खाता नंबर या ओटीपी किसी के साथ साझा नहीं करें.
:: सोशल मीडिया पर रियल टाइम गतिविधियों को साझा करने से बचें.