सुपौल / कटिहार : दो दिनों से नेपाल की तराई और सुपौल जिले में बारिश की रफ्तार थमने से कोसी नदी के जलस्तर में भी गिरावट आयी है. वहीं, कटिहार जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को भी रुक-रुक कर मूसलधार बारिश होती रही. दूसरी तरफ नदियों के जलस्तर में भी उतार-चढ़ाव होता रहा. महानंदा नदी के जलस्तर में कई स्थानों पर वृद्धि दर्ज की गयी, तो कई स्थानों पर यह नदी अभी स्थिर है. हालांकि, अब भी महानंदा नदी सभी स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इधर, गंगा, बरंडी, कोसी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार को उतार-चढ़ाव हो रहा.
दो दिनों से नेपाल की तराई और सुपौल जिले में बारिश की रफ्तार थमने से कोसी नदी के जलस्तर में भी गिरावट आयी है. गुरुवार को अपराह्न चार बजे वीरपुर बराज पर कोसी का कुल डिस्चार्ज 01 लाख 74 हजार 990 क्यूसेक दर्ज किया गया. वहीं, नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में कोसी का जलस्राव 01 लाख 25 हजार 300 क्यूसेक अंकित किया गया. दोनों स्थानों पर नदी का जलस्तर घटने के क्रम में बताया गया है. इससे प्रभावित क्षेत्र के लोगों के साथ ही जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने भी राहत की सांस ली है.
मालूम हो कि दो दिन पूर्व कोसी में आये उफान से नदी का डिस्चार्ज करीब साढ़े 03 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था. इस कारण तटबंध के भीतर सैकड़ों गांव में बसे हजारों लोगों की आबादी की मुश्किलें बढ़ गयी थीं. लोगों के घर-आंगन में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था. जलस्तर में कमी आने के बाद बाढ़ पीड़ितों की परेशानी भी थोड़ी कम हुई है. लेकिन, अब भी प्रभावित क्षेत्र में आवागमन सहित कई समस्याएं अब भी बरकरार हैं.
कटिहार जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को भी रुक-रुक कर मूसलधार बारिश होती रही. दूसरी तरफ नदियों के जलस्तर में भी उतार-चढ़ाव होता रहा. महानंदा नदी के जलस्तर में कई स्थानों पर वृद्धि दर्ज की गयी, तो कई स्थानों पर यह नदी अभी स्थिर है. हालांकि, अब भी महानंदा नदी सभी स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद कई इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है. कई क्षेत्रों का सड़क संपर्क भी भंग हो चुका है.
वहीं, गंगा, कोसी, बरंडी और कारी कोसी नदी के जलस्तर में भी उतार-चढ़ाव होता रहा है. गंगा नदी एक स्थान पर घट रहा है, तो दूसरे स्थान पर अभी स्थिर है. यह नदी रामायणपुर में घट रही है, जबकि काढ़ागोला में स्थिर है. दूसरी तरफ बरंडी नदी स्थिर है, लेकिन अब भी यह नदी खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ में गुरुवार की सुबह जलस्तर 32.13 मीटर था, जो छह घंटे बाद दोपहर में बढ़ कर जलस्तर 32.13 मीटर ही रहा. इसी नदी के बहरखाल में 31.60 मीटर था, जो छह घंटे बाद 31.59 मीटर हो गया. आजमनगर में गुरुवार की सुबह 30.67 मीटर था, दोपहर में बढ़ कर 30.69 मीटर हो गया. इसी नदी का धबौल में जलस्तर 30.05 मीटर था, जो छह घंटे बाद जलस्तर 30.07 मीटर हो गया. कुर्सेल में इस नदी का जलस्तर 31.97 मीटर था, जो गुरुवार की दोपहर में बढ़ कर 31.98 मीटर हो गया. इस नदी का जलस्तर दुर्गापुर में 29.10 मीटर था, छह घंटे के बाद जलस्तर 29.10 मीटर ही रहा. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर गुरुवार को 27.16 मीटर था. छह घंटे बाद यानी दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़ कर 27.17 मीटर हो गया.
गंगा, बरंडी, कोसी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार को उतार-चढ़ाव हो रहा. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में गुरुवार की सुबह 26.37 मीटर दर्ज किया गया. दोपहर में यहां का जलस्तर घट कर 26.35 मीटर हो गया. इसी नदी का काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 29.39 मीटर दर्ज किया गया था. छह घंटे बाद दोपहर में जलस्तर 29.39 मीटर ही रहा. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर पर गुरुवार की सुबह 30.93 मीटर दर्ज किया गया. छह घंटे बाद दोपहर में जलस्तर 30.93 मीटर ही रहा. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर स्थिर है. गुरुवार की सुबह इस नदी का जलस्तर यहां 29.70 मीटर दर्ज किया गया. छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर 29.70 मीटर ही रहा है. कारी कोसी नदी के चेन संख्या 389 में सुबह 27.34 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है. दोपहर 12 बजे जलस्तर बढ़ कर 27.40 मीटर दर्ज हो गया है.
Posted By : Kaushal Kishor