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कोसी डैम से छोड़ा गया 4 लाख 52 हजार क्यूसेक पानी, गंडक बराज के भी 36 गेट खुले, सुपौल समेत नौ जिलों में अलर्ट

सोमवार की सुबह गंडक और कोसी के बराज पर पानी का भारी दवाब को देखते हुए कोसी डैम के 56 गेट और गंडक डैम के 36 गेट खोले गए हैं. 34 वर्ष बाद कोसी बराज से 4 लाख 52 हजार 710 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. 1968 में 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

पटना. नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. सोमवार की सुबह गंडक और कोसी के बराज पर पानी का भारी दवाब को देखते हुए कोसी डैम के 56 गेट और गंडक डैम के 36 गेट खोले गए हैं. कोसी बराज में अचानक हुई जलस्तर में बढ़ोतरी. पिछले कई साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला. 34 वर्ष बाद कोसी बराज से 4 लाख 52 हजार 710 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार एक बजे कोसी बराज पर 03 लाख 65 हजार 710 क्यूसेक व बारह क्षेत्र में एक लाख 77 हजार 750 क्यूसेक पानी बढते क्रम में दर्ज किया गया. 1968 में 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक, 1989 में 5 लाख 23 हजार 771 क्यूसेक के बाद अब 2023 में सबसे ज्यादा पानी छोड़ा गया है. प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं. चीफ इंजीनियर कुमार मनोज रमन ने अभियंता को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है.

नेपाल ने बराज पर की आर्मी की तैनाती, भारत सरकार भी सतर्क

बराज पर भारी वाहनों के आवाजाही को देखते हुए धीमी गति से वाहन परिचालन को लेकर नेपाल आर्मी के जवान तैनात कर दिए गए हैं. इधर भारत की ओर से भी प्रशासन ने बाढ़ संबंधी किसी की सूचना या जरुरत के लिए टॉल फ्री नंबर 1800-3456-145 जारी किया है. इधर, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बिहार में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया है. इंजीनियर्स और जल संसाधन विभाग के साथ प्रशासन की टीम को मुस्तैद रहने के निर्देश दिये हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल संसाधन मंत्री संजय झा हेलीकॉप्टर से वीरपुर पहुंच रहे हैं, इसके बाद बांध का निरीक्षण करेंगे.

मधुबनी में भी बाढ़ का खतरा

कोसी और गंडक नदी में पानी छोड़े जाने के बाद सुपौल समेत नौ जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. कोसी तटबंध के अंदर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तटबंधों के बीच बसे 120 गांवों में नदी का पानी फैल गया. बगहा में वाल्मीकि नगर बराज के भी 36 गेट खोले दिये जाने के बाद आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है. मधुबनी में भी कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कोसी का पानी आसपास के इलाकों में घुसना शुरू हो चुका है. नेपाल के कोसी डैम का पानी छोड़ने के बाद मधुबनी में अलर्ट जारी किया गया है. कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से 5-6 घंटे में जिले के मधेपुर प्रखंड के गढ़गांव, बसिपट्टी, द्वालख, महपतिया, डाढ़ा, बकुआ, भेजा, रहुआ संग्राम पंचायतों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है.

गंडक बराज का उठा 36 फाटक

गंडक बराज के सभी फाटकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठा दिया गया है. वही सभी कर्मियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. गंडक बराज के अभियंताओं के द्वारा कार्यपालक अभियंता रज्जन शमीम के नेतृत्व में निगरानी की जा रही है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मौसम को देखते हुए जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है. गंडक के जलस्तर में वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. वही जल स्तर बढ़ने पर चकदहवा झंडू टोला और विन टोला में पानी प्रवेश की संभावना काफी प्रबल हो गई है.

गंडक बराज के जलस्तर में हो रही है लगातार वृद्धि

वाल्मीकिनगर में स्थानीय गंडक बाराज से सोमवार की सुबह 11 बजे तीन लाख 11 हजार क्यूसेक पानी का गंडक नदी में छोड़ा गया है. नेपाल के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक बराज का जलस्तर सोमवार की शाम तक चार लाख के करीब पहुंचने की संभावना है. अब तक वाल्मीकिनगर से सटे ठाढी गांव के बाहरी छोर और चकदहवा गांव के कान्ही टोला में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. हालांकि बाढ़ की आशंका को लेकर पूर्व तैयारी के कारण ग्रामीण सतर्क और चौकस होने के कारण ग्रामीणों ने अपने पशु और राशन के साथ ऊंचे स्थान पर शरण ले लिया.

बाढ़ को लेकर सरकार अलर्ट है

इस बीच , जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों और जल संसाधन विभाग के इंजीनियर्स को अलर्ट कर दिया है. सहरसा, सुपौल समेत अन्य जिलों में अभी तक तटबंध सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि 34 साल बाद इतना पानी एक बार फिर छोड़ा गया है. 1989 में इतना पानी छोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि रात 2 बजे कोसी बराज से पानी रिलीज किया गया है. पानी काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. आज शाम तक खगड़िया पहुंच जाएगा.

सरकार पूरी तरह सतर्क

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि कोसी तटबंध के अंदर भी लोग रहते हैं, उन्हें सुरक्षित रहने के लिए कहा गया है. सरकार हर तरह के इंतजाम कर रहे हैं. जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर कदम पर हमारे इंजीनियर और जल संसाधन विभाग के अधिकारी खड़े हैं. उन्होंने दावा किया कि 2008-9 वाले स्थिति नहीं होगी. हालांकि उस समय 1 लाख 7 2 हजार क्यूसेक पानी बराज से छोड़ा गया था, जबकि इस बार 4 लाख से अधिक पानी रिलीज किया गया.

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