Fake Sick Leaves: अपने ऑफिस में आप ऐसे लोगों को जरूर जानते होंगे, जिन्होंने कभी न कभी सर्दी, खांसी या जुकाम का बहाना बनाकर अपने बॉस से छुट्टी मांगी हो. अब यह बहाना नहीं चलनेवाला है, क्योंकि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे बहाने बनानेवालों की पोल खोल देगा. जी हां, कुछ रिसर्चर्स ने दावा किया है कि एआई की मदद से किसी शख्स को सर्दी, खांसी या जुकाम है या नहीं इसका पता लगाया जा सकता है.
ओपनएआई जैसी तकनीकों के दुनियाभर में बढ़ते प्रभाव की वजह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की इन दिनों हर तरफ चर्चा हो रही है. हर दिन इस क्षेत्र में नये खोज किये जा रहे हैं. इसी बीच रिसर्चर्स ने दावा किया है कि लोगों की आवाज की मदद से एआई यह पता लगाने में सक्षम हो पाएगा कि उन्हें सर्दी, खांसी या जुकाम है या नहीं.
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‘द इकोनॉमिस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, सरदार वल्लभभाई पटेल नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरत के शोधकर्ताओं ने एआई की मदद से 630 लोगों की आवाज के पैटर्न का सफलतापूर्वक विश्लेषण किया. इनमें से 111 लोग सर्दी से पीड़ित थे. उन लोगों को पहचानने के लिए आवाज के पैटर्न का विश्लेषण किया गया, तो पाया गया कि ये वास्तव में सर्दी-जुकाम से प्रभावित थे.
रिसर्च में लोगों के सर्दी से पीड़ित होने की बात का पता लगाने के लिए हार्मोनिक्स, यानी लोगों की आवाज के वाइब्रेशन का इस्तेमाल किया गया. वास्तव में जब उनकी आवृत्ति बढ़ती है तो हार्मोनिक्स के डायमेंशंस में कमी नजर आती है. इस तरह सर्दी से पीड़ित व्यक्ति के लिए इसका पैटर्न अनियमित हो जाता है. इस अंतर को समझते हुए रिसर्चर्स ने मशीन-लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर अलग-अलग व्यक्तियों की आवाज के अंतर का विश्लेषण कर उन लोगों की पहचान करने पाए, जो वास्तव में सर्दी-जुकाम से पीड़ित थे.
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AI आधारित यह क्रांतिकारी तकनीक फिलहाल सर्दी और जुकाम का ही पता लगा सकती है. इसे लेकर डेवलपमेंट किया जा रहा है. ऐसे में आनेवाले दिनों में यह देखने को मिल सकता है कि बॉस फोन पर अपने स्टाफ की आवाज से यह जान सकें कि किसे सर्दी-जुकाम है और किसे नहीं. अगर यह तकनीक भविष्य में दफ्तरों में लागू होने लगे तो कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में बड़ा अंतर आ सकता है.