क्या आप खगोलीय घटनाओं में रुचि रखते हैं. यदि इसका जवाब हां है तो यह खबर आपके लिए खास है. दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि इस सप्ताह एक के बाद एक ताबड़तोड़ ऐस्टरॉइड धरती के करीब से गुजरेंगे. 6 जनवरी को यानी आज 62 मीटर का ऐस्टरॉइड 2021 AC गुजरेगा. इसकी ऊंचाई की बात करें तो ये मिस्र के ग्रेट पिरामिड की आधी है.
जानकारों की मानें तो यह धरती से करीब 35 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा. इसके बाद 270 मीटर का 2016 CO247 करीब 74 लाख किलोमीटर दूर से गुजरता नजर आएगा. इसके आकार की बात करें तो ये आइफिल टावर के बराबर होगा. आखिरी ऐस्टरॉइड 2018 KP1 है जो 32 मीटर का है. यह ऐस्टरॉइड धरती के 31 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा.
यहां चर्चा कर दें कि ऐस्टरॉइड्स ऐसी चट्टानें होती हैं जो अंतरिक्ष में घूमने का काम करतीं हैं. ये कई बार हमारी धरती के करीब से गुजरती हैं जो नग्न आंखों से नजर नहीं आती. लेकिन यदि हम इतिहास के पन्नों पर नजर डालें जो कई बार ये धरती से टकराई भी हैं.
कितना खतरा है धरती को : खगोलीय घटनाओं के जानकारों की मानें तो इन ऐस्टरॉइड्स से धरती को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वायुमंडल में दाखिल होने के साथ ही आसमानी चट्टानें टूट जातीं हैं. यही नहीं ये जल भी जाती हैं.
छोटे टुकड़ों से ज्यादा खतरा धरती को नहीं : लेकिन कभी-कभी उल्कापिंड की शक्ल में ऐस्टरॉइड्स धरती से नजर आ जाते हैं और ज्यादा बड़ा आकार होने पर यह धरती को नुकसान पहुंचने का काम भी कर सकते हैं. हालांकि छोटे टुकड़ों से ज्यादा खतरा धरती को नहीं होता है. आमतौर पर ये सागर में गिरते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि धरती का ज्यादातर हिस्से जल से ढंका हुआ है.
खतरों पर पैनी नजर : खगोलीय घटनाओं के जानकारों के अनुसार यदि किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना नजर आती है तो वह खतरनाक होता है. NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पैनी नजर रखता है. आने वाले 100 सालों की बात करें तो इसके लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना बताई जा रही है.
Posted By : Amitabh Kumar