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स्क्रैपेज पॉलिसी से क्या होगा?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर कहा है कि इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि स्क्रैप किये गए वाहनों से स्टील, तांबा और एल्यूमीनियम जैसी धातुओं के रीसाइकिल से उनके आयात को कम करने में मदद मिलेगी. वैसे, ऑटो सेक्टर की जो भी मांग थी उस पर एक बार फिर से बीते साल की तरह पानी फिर गया है, क्योंकि इसमें न तो इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर कोई खास फैसला सुनाया गया, न ही जीएसटी और ईवी प्रोत्साहन को लेकर कुछ खबर आयी.
छह स्तंभों पर आधारित बजट
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021 छह स्तंभों पर आधारित है. इनमें हेल्थ एंड वेलबीइंग (Health & wellbeing), वित्तीय पूंजी (Financial capital), समावेशी विकास (Inclusive growth), मानव पूंजी (Human capital), इनोवेशन एंड आरएंडडी (Innovation & R&D) और मिनिमम इंटरवेंशन्स (Minimum interventions) शामिल हैं.
सड़कों से हटेंगे पुराने वाहन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कहा कि पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाने के लिए एक वाहन स्क्रैपिंग नीति का विवरण जल्द ही घोषित किया जाएगा. इससे पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी, जिससे वाहन प्रदूषण और तेल आयात बिल भी कम होंगे. निजी वाहनों के लिए मालिक को 20 साल बाद और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा.
कब लॉन्च होगी व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार नीति 1 अप्रैल 2021 से लागू होने की संभावना है. सरकार के अनुसार, वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी न केवल पर्यावरण प्रदूषण को कम करेगी और ऑटो बिक्री को बढ़ावा देगी, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए वाहनों को सस्ता भी बना सकती है क्योंकि पुराने वाहनों से निकले धातु को वाहन निर्माता फिर से इस्तेमाल कर पाएंगे.
ऑटो पार्ट्स, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स हुए महंगे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट अभिभाषण में मोबाइल उपकरण पर 2.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाने का ऐलान किया. इसके बाद मोबाइल और चार्जर महंगे होंगे. इलेक्ट्रॉनिक एक्विपमेंट्स भी महंगे हो जाएंगे. ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 फीसदी करने का भी ऐलान किया गया है.
ऑटो पार्ट्स, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे हुए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट अभिभाषण में ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया, जिससे यह भी महंगा हो जाएगा. मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी लगेगा, जिसके बाद मोबाइल और चार्जर महंगे होने की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी महंगे हो जाएंगे.
मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स होंगे महंगे
मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी लगेगा, जिसके बाद मोबाइल और चार्जर महंगे होने की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी महंगे हो जाएंगे.
जीएसटी कितना होगा
ऑटो सेक्टर में मांग को बढ़ावा देने के लिए कंपनियां जीएसटी दरों में कमी की मांग कर रही हैं. ऑटो इंडस्ट्री जीएसटी में कमी चाहती है. वहीं, जीएसटी घटने से वाहनों की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी, जिससे लोगों की दिलचस्पी वाहन खरीदने की तरफ देखने को मिल सकती है.
इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को लेकर योजना
सरकार ने 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल को 30 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य बनाया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग, अनुसंधान और डेवलपमेंट में एक मॉडल को अपनाने के साथ ही एक व्यापक योजना बनाने की जरूरत है.उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2021-22 में चार्जिंग स्टेशन और इंफ्रास्क्ट्रचर की स्थापना के लिए अलग फंड बनाया जाए.
व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी
ऑटो सेक्टर को जिस पॉलिसी का इंतजार था, वो आ गई. निजी गाड़ियां 20 साल और व्यावसायिक वाहन 15 साल के बाद सड़कों पर नहीं उतर सकेंगे. ऑटो सेक्टर के लिए बिग पॉजिटिव. व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी से ऑटो सेक्टर को बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. 15 साल से अधिक पुराने हो चुके वाहनों पर यह पॉलिसी लागू होगी. इस पॉलिसी के आने से भारत ऑटोमोबाइल सेक्टर का बड़ा केंद्र बन सकता है और वाहनों की कीमतों में भी गिरावट आयेगी.
2020 में ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट 18.87 प्रतिशत गिरा
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की ओर से जारी आंकड़ों को देखा जाए, तो 2020 में भारत का ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट 18.87 प्रतिशत गिरा. जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान वाहनों का कुल एक्सपोर्ट 38,65,138 यूनिट रहा, जो 2019 में 47,63,960 यूनिट रहा था.
ऑटो इंडस्ट्री की उम्मीदें जगी
कोरोना महामारी से प्रभावित हुई देश की इकोनॉमी को इस बजट से बड़ा बूस्टर मिलने की उम्मीद है. कोरोना की वजह लगे लॉकडाउन के वक्त सबसे ज्यादा ऑटो इंडस्ट्री को नुकसान हुआ था. लॉकडाउन के दौरान कारखानों में उत्पादन बंद हो गया था. अब धीरे-धीरे संकट से उबर रही ऑटो इंडस्ट्री बजट 2021 से कई उम्मीदें जगी हैं.
Lithium Ion बैटरी पर GST घटे, ताे बनेगी बात
ऑटोमोबाइल सेक्टर को पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से बहुत नुकसान झेलना पड़ा. इसके बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ी. इलेक्ट्रिक वाहन आज की जरूरत हैं और इन दिनों ऐसी गाड़ियों का क्रेज भी बढ़ा है, ऐसे में इस सेक्टर को सरकार की तरफ से मदद मिलने की उम्मीद है. इस बजट में सरकार लिथियम आयन बैटरी पर जीएसटी दर को कम करने पर विचार कर सकती है. यह देश में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाले निर्माताओं को बड़ी राहत देगा और देश में वैल्यू फॉर मनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) का रास्ता साफ होगा.
ऑटो सेक्टर को मिलेगी राहत?
ऑटो सेक्टर की बात करें, तो भारत सरकार पिछले कुछ वर्षों से लगातार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल और प्रोडक्शन को बढ़ावा दे रही है. यही वजह है कि सरकार ने पिछले बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरों को घटाया था. ऐसे में इस बार उम्मीद की जा रही है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर कोई ऐलान या राहत की घोषणा भी कर सकती है.
Modi 2.0 सरकार और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से बड़ी उम्मीदें
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किया जानेवाला Budget 2021 कोरोना, के बाद देश का पहला बजट होगा. Budget 2021 पेश होने में अब बस कुछ ही मिनट बाकी रह गए हैं. ऐसे में PM Narendra Modi ( पीएम नरेंद्र मोदी) की Modi 2.0 सरकार और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से हर किसी को बड़ी उम्मीदें हैं.
वित्त राजमंत्री अनुराग ठाकुर ने बजट से पहले मीडिया से बात की
वित्त राजमंत्री अनुराग ठाकुर (anurag thakur) ने बजट से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बजट आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और यह सबका साथ, सबका विकास (sabka saath sabka vikas) के मूलमंत्र पर आधारित बजट होगा. यह बजट देश को आत्मनिर्भर (aatam nirbhar bharat) बनाने की ओर लेकर जाएगा. यह बजट (Union Budget 2021) काफी उम्मीदों भरा है. किसान, कामगार से लेकर आम करदाता और छोटे व बड़े कारोबारी तक सभी की नजर इस बजट पर है. कोविड-19 महामारी (Covid 19 pandemic) से बुरी तरह प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिहाज से भी यह बजट बहुत खास है.