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Car Loan Interest rate: नवरात्रि में कार लोन लेने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, फायदे में रहेंगे

सिबिल स्कोर तीन अंकों की एक संख्या है. यह 300 से 900 तक होती है. इससे किसी व्यक्ति की लोन लेने की योग्यता का पता चलता है. सिबिल स्कोर को सीआईआर यानी यानी क्रेडिट इन्फ़ॉर्मेशन रिपोर्ट भी कहा जाता है. सिबिल स्कोर किसी खास समयावधि में लोन के प्रकार और क्रेडिट संस्थानों में आपके क्रेडिट इतिहास बताता है.

नई दिल्ली : भारत में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान लोग-बाग नए-नए सामान अपने घर लाते हैं. कई लोग अपने सफर को आसान बनाने के लिए मोटरसाइकिल या फिर कार खरीदकर लाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों के पास पैसों का जुगाड़ नहीं हो पाता है, तो वे मन मसोसकर रह जाते हैं. अगर आपका भी मन कर रहा हो कि आपके घर में एक कार होती, तो आपके बच्चों और परिवार की यात्रा आसान और सुरक्षित हो जाती. लेकिन, आपकी जेब और आर्थिक स्थिति इसकी इजाजत नहीं दे रही है. नहीं है, तो कोई बात नहीं. भारत में कार लोन पर सबसे सस्ती और टिकाऊ कार मिल जाती है और उसे आप खरीदकर अपने घर ला सकते हैं. देश में कई ऐसे बैंक हैं, जो आपको सस्ती ब्याज दरों पर कार लोन मुहैया कराते हैं. एक लाख-50 हजार रुपये का डाउन पेमेंट करके कार खरीदकर अपने घर पर ला सकते हैं. आइए, जानते हैं…

कार लोन पर किस बैंक का कितना ब्याज

कम पैसा खर्च करके कार की खरीद करने से पहले आपको यह जान लेना बेहद जरूरी है कि भारत के कौन-कौन से बैंक किस ब्याज दर पर कार लोन उपलब्ध करा रहे हैं.

  • केनरा बैंक – 7.30% से 9.90%

  • बैंक ऑफ इंडिया – 7.35% से 7.95%

  • आईसीआईसीआई बैंक – 8.82% से 12.75%

  • इंडियन बैंक – 8.20% से 8.55%

  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया – 7.40% से 7.50%

  • पंजाब नेशनल बैंक – 9.40% से 9.90%

  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया – 7.25% से 7.50%

  • आईडीबीआई बैंक – 8.40% से 9.00%

  • एचडीएफसी बैंक – 8.80% से 10.00%

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया – 7.95% से 8.70%

  • यूको बैंक – 7.70% से 9.30%

कितने प्रकार के होते हैं कार लोन

अब अगर आप बैंकों की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले कार लोन की ब्याज दरों को देख चुके हैं, तो आपको यह भी जान लेना बेहद जरूरी है कि भारत के बैंकों में कार लोन कितने प्रकार के होते हैं. हम आपको बता दें कि भारत के बैंक अपने ग्राहकों को दो प्रकार की ब्याज दरों पर कार लोन मुहैया कराते हैं. इनमें फिक्स्ट इंटरेस्ट रेट और वैरिएबल इंटरेस्ट रेट होती है. फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट कार लोन की वह दर है, जो लोन पीरियड के दौरान एक समान रहती है. यह ब्याज दर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होती है. वहीं, वैरिएबल अथवा फ्लोटिंग ब्याज दर में परिवर्तन होते रहता है और बाजार में उतार-चढ़ाव और वित्तीय बाजार के बदलते रुझानों से यह प्रभावित होती है.

लोन लेने में सिबिल स्कोर की क्या रहती है भूमिका

सिबिल स्कोर तीन अंकों की एक संख्या है. यह 300 से 900 तक होती है और इससे किसी व्यक्ति की लोन लेने की योग्यता का पता चलता है. इसे सिबिल स्कोर को सीआईआर यानी यानी क्रेडिट इन्फ़ॉर्मेशन रिपोर्ट भी कहा जाता है. सीआईआर या सिबिल स्कोर किसी खास समयावधि में लोन के प्रकार और क्रेडिट संस्थानों में आपके क्रेडिट भुगतान का इतिहास भी बताता है. किसी भी ग्राहक को लोन देने से पहले बैंक उसके सिबिल स्कोर को ही जांचते हैं. अगर किसी ग्राहक का सिबिल स्कोर 750 से ऊपर है, तो उसे लोन पाने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त माना जाता है, लेकिन इससे नीचे के सिबिल स्कोर वाले ग्राहक को लोन मिलने में थोड़ी परेशानी हो जाती है. कई बार सिबिल स्कोर कम रहने पर व्यक्ति को किसी बैंक से लोन भी नहीं मिल पाता है.

ईएमआई के बारे में भी जानना बेहद जरूरी क्यों

अब आप अगर इतना कुछ जानने के बाद लोन लेने के लिए उत्सुक हैं, तो आप जरा देर ठहरकर ईएमआई के बारे में भी जान लें. आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर ईएमआई क्या चीज है और यह लोन लेने वालों के लिए जरूरी क्यों है? हम आपको बता दें कि ईएमआई का फुलफॉर्म इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट्स होता है. यह लोन चुकाने का माध्यम होता है. इसे मासिक किस्त भी कहा जाता है. ईएमआई लोन के प्रिंसिपल अमाउंट और लोन के ब्याज को धीरे धीरे मासिक आधार पर चुकाने का काम करती हैं. यह तब तक जारी रहती है, जब तक लोन पूरी तरह चुकता नहीं हो जाता है. हर ईएमआई में प्रिंसिपल लोन अमाउंट और ब्याज जो चुकाया जाना है, उसका कंपोनेंट होता है. लोन लेने का कोई भी फैसला इस बात के बिना तय नहीं किया जा सकता है कि लोन की कुल अवधि कितनी होगी और इसकी ईएमआई कितनी बैठेगी. क्रेडिट कार्ड स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री लोन की ईएमआई तय करने में मददगार होती है.

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कार लोन के लिए कोलेट्रल की जरूरत है क्या

कार लोन को ऑटो लोन भी कहा जाता है. इसके तहत लोन देने वाले कर्जदाता बैंक और एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) कर्जधारक को क्रेडिट देने पर सहमत होते हैं. इसका एक मूल उद्देश्य यह होता है कि ग्राहक को कार खरीदने की इजाजत मिल सके. ये एक सिक्योर्ड लोन होता है. जहां जो कार आप खरीदते हैं, वह कोलेट्रल की तरह काम करती है. इसलिए कार लोन के लिए किसी अतिरिक्त कोलेट्रल या सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है.

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कार लोन के लिए दस्तावेज

अब आप कार लोन लेने के लिए जरूरी बात जान गए हैं, तो आपको जिन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, हम उसे भी बता ही देते हैं.

  • पहचान का प्रमाण

  • पते का प्रमाण

  • केवाईसी दस्तावेज

  • आय का प्रमाण (फॉर्म 16 या 6 माह की वेतन स्लिप)

  • उम्र का प्रमाण (न्यूनतम 18 साल)

  • फोटोग्राफ

  • कार के कागजात

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