Maruti 800 First Car : भारत की दिग्गज कार निर्माता कंपनियों में से एक मारुति है, जिसकी कई कारें टॉप सेलिंग मॉडल्स में शामिल हैं. कंपनी के हरियाणा और गुजरात वाले प्लांट की साल में करीब 23 लाख इकाइयों के उत्पादन की क्षमता है. इस कार उत्पादक कंपनी ने 2018-19 के जुलाई से सितंबर महीने के दौरान करीब 1,38,000 कारों का रिकॉर्ड उत्पादन करके देश में कीर्तिमान स्थापित किया और कंपनी का लक्ष्य 2030-31 तक निर्यात को 7.5 से आठ लाख इकाई पर पहुंचाने का है. लेकिन, आज से करीब 40 साल पहले मारुति उद्योग ने भारत में कारों का उत्पादन और उनकी बिक्री शुरू की थीं, तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मारुति 800 कार के पहले ग्राहक दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह को चाबी सौंपी थीं, तो वे उस समय काफी भावुक हो गई थीं. आज यह कंपनी भारत की टॉप ब्रांड बन गई है. आइए, मारुति उद्योग के टॉप ब्रांड बनने की कहानी जानते हैं…
14 दिसंबर 1983 को मारुति ने लॉन्च की थी 800 कार
मारुति उद्योग ने भारत में अपनी पहली कार मारुति 800 को 14 दिसंबर 1983 को लॉन्च किया था. इस कार की लॉन्चिंग दिल्ली में हुई थी. इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत नारायण दत्त तिवारी मौजूद थे. मारुति के इस कार के पहले ग्राहक दिल्ली के ही रहने वाले हरपाल सिंह थे, जिन्हें इंदिरा गांधी ने कार की चाबी सौंपी थी. यह काफी भावुक पल था. इंदिरा गांधी खुद मारुति की पहली कार 800 की चाबी हरपाल सिंह को सौंपते वक्त काफी भावुक हो गई थीं. उस समय इंदिरा गांधी ने कहा था, ‘मैं चाहती हूं कि यह कार भारत के आम लोगों के काम आए.’
संजय गांधी ने देखा था आम आदमी के कार का सपना
मारुति से इंदिरा गांधी के दूसरे और छोटे बेटे संजय गांधी का गहरा नाता था. संजय गांधी ने भारत के आम आदमी के लिए कार का सपना देखा था. इसके लिए उन्होंने मारुति उद्योग से संपर्क किया था, लेकिन सपना पूरा होने से पहले ही एक हादसे में उनका निधन हो गया. इसके बाद उनका यह सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा था. ऐसे में, इंदिरा गांधी ने उसे आगे बढ़ाना शुरू कर दिया और वह लम्हा भी आ गया, जब 1983 में मारुति की पहली कार 800 हरपाल सिंह के हाथों बेची गई. इस कार को संजय गांधी के जन्मदिन 14 दिसंबर के दिन वर्ष 1983 को लॉन्च की गई. बाद के वर्षों में यह कार देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हुई और टॉप सेलिंग कारों में से एक बन गई.
हरपाल सिंह ने कितने रुपयों में खरीदी थी मारुति 800 कार
दिल्ली के निवासी हरपाल सिंह और उनकी पत्नी गुलशनबीयर कौर ने 13 दिसंबर 1983 को लॉन्चिंग के समय केवल 47,500 रुपये में मारुति 800 कार को खरीदी थी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथों मारुति 800 कार की पहली चाबी मिलने का गौरव प्राप्त हुआ. इतना ही नहीं, 1980 के दशक में इस कार ने देश में क्रांति ला दी थी और भारतीय मध्यम वर्ग के लिए मारुति 800 स्टेटस् सिंबल का प्रतीक बन गई.
कहां बनी थी मारुति 800 की पहली कार
हरपाल सिंह और उनकी पत्नी गुलशन कौर को इंदिरा गांधी ने जिस मारुति 800 की पहली चाबी सौंपी थी, वह कार मारुति उद्योग का हरियाणा में स्थित प्लांट में बनाई गई थी. यह कार हरपाल सिंह के निधन के समय 2010 तक उनके पास रही थी. उस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर डीआईए 6479 था. अब मारुति की इस पहली यूनिट को कंपनी के मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया है.
चलने लायक भी नहीं थी मारुति की पहली 800 कार
वर्ष 2010 में जब हरपाल सिंह का निधन हुआ, तो उनकी मारुति-800 कार बिल्कुल सड़ी गली अवस्था में थी. इस कार की कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर डाली गईं थीं. इसके बाद कंपनी ने कार को रिस्टोर करने का फैसला किया. कंपनी ने कार में सभी मूल स्पेयर पार्ट्स और इक्विपमेंट को फिर से कार में जोड़ा. हालांकि, यह कार अब दिल्ली की सड़कों पर चलने के योग्य नहीं थी. इसलिए कंपनी ने भारत में अपनी पहली सफलता की कहानी के रूप में कार को अपने मुख्यालय में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया.
Also Read: हाईवे से कितनी दूरी पर मकान बनाने से आपकी फैमिली रहेगी सुरक्षित, जानें रोड निर्माण के जरूरी नियम
मारुति से जगदीश खट्टर का रिश्ता
मारुति का भारत में टॉप ब्रांड बनाने के पीछे इंदिरा गांधी और संजय गांधी के अलावा जिनका सबसे बड़ा हाथ है, उनका नाम जगदीश खट्टर है. वे वर्ष 1993 से लेकर 2007 तक मारुति के प्रबंध निदेशक बने रहे. मारुति का प्रबंध निदेशक बनने से पहले जगदीश खट्टर भारत सरकार के प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस अफसर) थे. जिस समय उन्होंने मारुति का हाथ थामा, उस समय उनके पास करीब 37 साल का अनुभव था. 1993 में उन्होंने मार्केटिंग डायरेक्टर के तौर पर कंपनी में नियुक्त किए गए थे. इसके बाद 1999 में वह कंपनी के पहले प्रबंध निदेशक बने. इस पद के लिए सरकार ने उन्हें नामित किया था. इसके बाद 2002 में वह सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के लिए नामित किए गए थे. अक्टूबर 2007 में मारुति से रिटायर होने के बाद जगदीश खट्टर ने खुद का वेंचर कार्नेशन ऑटो लॉन्च किया, जो कि एक मल्टीब्रांड ऑटोमोबाइल सर्विस नेटवर्क है और यूज्ड कार बिजनेस में भी डील करता है.
Also Read: रतन टाटा ने गरीबों को दिया दिवाली गिफ्ट, अब हर कोई खरीद सकेगा Electric Car, जानें कौन सी है कार
1983 में कैसा था मारुति 800 का इंजन
1983 में लॉन्च की गई मारुति की हैचबैक कार 800 का इंजन सुजुकी फ्रॉन्ट एसएस80 की तकनीक पर आधारित था. इसके पहले बैच को पूरी तरह से नॉक डाउन (सीकेडी) किट के रूप में आयात किया गया था. इस मॉडल में 796 सीसी, तीन-सिलेंडर का एफ8डी पेट्रोल इंजन था. इसकी अधिकतम पावर 35 बीएचपी थी. फिलहाल, ऑल्टो और ओमनी जैसी कारों में यही इंजन देखा जा सकता है. हालांकि, कंपनी ने इसे भी अपग्रेड कर दिया है.