RBI Fraud Alert: सूचना तकनीक और डिजिटल इकोनॉमी के फैलते जाल के साइड एफेक्ट के रूप में फ्रॉड के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर फ्रॉड लोगों से पैसे ठगने के लिए तरह-तरह के तिकड़म आजमा रहे हैं. ऐसे में अनजान कॉल, SMS और लालच देने वाली चीजों से सतर्कता जरूरी है. लेकिन अगर किसी के साथ फ्रॉड हो जाता है, तो तुरंत कुछ कदम उठाने से फ्रॉड में गंवाई गई रकम वापस हासिल की जा सकती है.
एक्सपर्ट्स की मानें इस मामले में आप फ्रॉड में गवांया गया 90% पैसा केवल 10 दिनों में पा सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि जैसे ही फ्रॉड का पता चले, पीड़ित व्यक्ति को अपना खोया पैसा पाने के लिए सही कदम तुरंत उठाए. ऐसा नहीं करने पर पैसा वापस पाने की संभावना हमेशा के लिए खत्म हो सकती है.
RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक भी ग्राहकों यही सलाह देता है कि अगर किसी के साथ किसी भी तरह का अनधिकृत लेनदेन होता है, तो सही समय पर जानकारी देने से उन्हें पैसे वापस मिल सकते हैं. आरबीआई के अनुसार, अगर अनधिकृत डिजिटल ट्रांजैक्शन की वजह से किसी को नुकसान होता है, तो वह तुरंत बैंक को जानकारी दे सकता है. इससे पीड़ित का ट्रांजैक्शन या तो कम या फिर शून्य कर दिया जाएगा.
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कई बैंक अनधिकृत ट्रांजैक्शन को लेकर बीमा पॉलिसी पेश करते हैं. इससे समय पर अपनी शिकायत देने पर नुकसान का पैसा वापस मिल सकता है. यही नहीं, बैंक ग्राहक साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बीमा पॉलिसी भी खरीद सकते हैं.
RBI गाइडलाइंस के अनुसार, तीन दिनों के अंदर अनधिकृत लेनदेन की जानकारी ग्राहक द्वारा बैंक को देने पर पूरे पैसे वापस मिल जाते हैं. वहीं, घटना के 4 से 7 दिनों के बाद शिकायत करने पर ग्राहक को 25,000 रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है. यह भी जान लेना जरूरी है कि तय सीमा के बाद शिकायत करने पर पैसा वापस नहीं मिलता है. समय से शिकायत करने पर बैंक 10 दिनों के अंदर पैसा वापस कराता है.