Flipkart Hails Personal Data Protection Bill 2023 : फ्लिपकार्ट ने कहा है कि डेटा संरक्षण विधेयक पर वह सरकार के रुख का समर्थन करती है. डेटा सुरक्षा की जवाबदेही निर्धारित करने के प्रावधान वाले ‘डिजिटल वैयक्तिक डेटा संरक्षण विधेयक, 2023’ को बुधवार को संसद ने मंजूरी दी थी. इस विधेयक में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के संरक्षण तथा व्यक्तिगत डेटा का संवर्द्धन करने वाले निकायों पर साधारण और कुछ मामलों में विशेष बाध्यता लागू करने का उपबंध किया गया है. लोकसभा में यह विधेयक सात अगस्त को पारित हो चुका है. इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा तभी प्रॉसेस हो सकता है, जब व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए सहमति दी गई हो. डेटा इकट्ठा करने वालों को उसकी सुरक्षा करनी होगी और उपयोग के बाद उसे डिलीट करना होगा.
यह एक बहुत अच्छा कदम है
फ्लिपकार्ट के कॉरपोरेट मामलों के मुख्य अधिकारी रजनीश कुमार ने कहा, मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा कदम है. इस पर हमारी राय एक है और चूंकि इसे अभी पारित किया गया है, इसलिए हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं. हमारा पूरा डेटा भारत में है, इसलिए यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा, इसलिए, हम इस विधेयक पर विचार करेंगे, इसे पढ़ेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि अगर इसमें सुधार की जरूरत है, तो हम ऐसा करना जारी रखेंगे.
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अनेक मंचों पर कई घंटों तक इस पर चर्चा हुई
इससे पहले विधेयक के बारे में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि पिछले कई वर्षों में संसद की स्थायी समिति सहित अनेक मंचों पर कई घंटों तक इस पर चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि 48 संगठनों तथा 39 विभागों एवं मंत्रालयों ने इस पर चर्चा की और इसके लिए 24 हजार सुझाव तथा विचार प्राप्त हुए.
निजी डेटा के लिए यूजर्स की सहमति जरूरी
कानून लागू होने के बाद व्यक्तियों को अपने आंकड़े, उसके रखरखाव आदि के बारे में विवरण मांगने का अधिकार होगा. कानून बनने के बाद सार्वजनिक और निजी, दोनों तरह की कई संस्थाओं को निजी जानकारी एकत्र करने और संसाधित करने के लिए उपयोगकर्ताओं से सहमति लेने की जरूरत होगी. इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा तभी प्रोसेस हो सकता है, जब व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए सहमति दी गयी हो. मसौदे पर कुल मिलाकर लगभग 21,660 सुझाव प्राप्त हुए और उनमें से प्रत्येक पर विचार किया गया.
विधेयक का लक्ष्य कंपनियों को जवाबदेह बनाना
इस विधेयक पर काम पिछले साल 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुआ था. विधेयक का लक्ष्य इंटरनेट कंपनियों, मोबाइल ऐप और निजी कंपनियों जैसी इकाइयों को ‘निजता के अधिकार’ के तहत नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी के संग्रह, भंडारण और प्रसंस्करण के बारे में और ज्यादा जिम्मेदार और जवाबदेह बनाना है.