EV Charging Infra: भारत में जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ता जा रहा है. विद्युत मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार महीनों में नौ प्रमुख शहरों में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में 2.5 गुना बढ़ोतरी हुई है. ये सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, सूरत, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित प्रमुख मेट्रो शहरों में स्थित हैं.
केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उसे अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं. सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में काफी विस्तार के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों ने भारतीय बाजार में कदम रखना शुरू कर दिया है.
सरकार ने निजी और सार्वजनिक एजेंसियों (बीईई, ईईएसएल, पीजीसीआईएल, एनटीपीसी आदि) को शामिल करके सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए सभी तरह के (360 डिग्री) प्रयास किये हैं. उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने और सुविधाजनक चार्जिंग नेटवर्क ग्रिड विकसित करने को लेकर कई निजी संगठन भी ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं.
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विद्युत मंत्रालय (एमओपी) ने योजना बनायी है कि चार्जिंग स्टेशन 3×3 किमी ग्रिड के क्षेत्र में होने चाहिए. फिलहाल भारत में कुल 1640 चालू सार्वजनिक ईवी चार्जर हैं. इनमें से 9 शहरों (सूरत, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई) में लगभग 940 चार्जिंग स्टेशन हैं.
सरकार ने शुरू में 40 लाख से अधिक आबादी वाले इन 9 बड़े शहरों पर ध्यान केंद्रित किया है. विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से सरकार द्वारा किये गए आक्रामक प्रयासों के परिणामस्वरूप सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के फैलाव में तेजी से वृद्धि हुई है.
इन 9 शहरों में अक्टूबर, 2021 से जनवरी, 2022 के बीच 678 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की अतिरिक्त स्थापना की गई, जो पहले की संख्या का लगभग 2.5 गुना है. इसी अवधि में लगभग 1.8 लाख नये इलेक्ट्रिक वाहन भी आये.
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इसने उपभोक्ताओं के बीच इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर स्थानांतरित होने का अधिक विश्वास दिखाया है. इन बड़े शहरों में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर की परिपूर्णता के बाद सरकार की योजना है कि चरणबद्ध तरीके से अन्य शहरों में इसका विस्तार किया जाए.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए पर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता प्रमुख रुकावट रही है. इस संबंध में विद्युत मंत्रालय ने देश भर में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की तेजी से फैलाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न साझेदारों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का वर्णन करते हुए ‘इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर-दिशानिर्देश और मानक’ जारी किये.
इस दिशा में तेल विपणन कंपनियों ने देश भर के प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की घोषणा की है. 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से 10,000 आईओसीएल, 7,000 भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और 5,000 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा स्थापित किये जाएंगे.
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आईओसीएल ने पहले ही 439 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये हैं. अगले वर्ष में 2,000 और ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है. बीपीसीएल ने 52 और एचपीसीएल ने 382 चार्जिंग स्टेशन लगाये हैं. हाल ही में भारी उद्योग विभाग ने 25 राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए 1576 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है, जो इन एक्सप्रेसवे व राजमार्गों के दोनों ओर प्रत्येक 25 किलोमीटर की सीमा के भीतर स्थित होंगे.
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सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन संचालक और मालिकों और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मालिकों द्वारा वसूले जाने योग्य रियायती शुल्क प्रदान करना
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इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली कनेक्शन का उपयोग कर अपने घरों या कार्यालयों में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में सक्षम बनाना
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सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन को परिचालन के नजरिये से आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने को लेकर भूमि उपयोग के लिए राजस्व बंटवारा मॉडल का सुझाव दिया गया है
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सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) को ईवी सार्वजनिक चार्जिंग के तेजी से रोलआउट के लिए कनेक्टिविटी देने को लेकर समय-सीमा निर्धारित की गई है
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सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए तकनीकी आवश्यकताओं को संपन्न किया गया है.
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