Nitin Gadkari on Lithium Reserve in India: पिछले माह जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का बड़ा भंडार मिला. मुख्य रूप से इस धातु का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल और सोलर पैनल के निर्माण में होता है. यही वहज है कि आज के समय में इसे सफेद सोना कहते हैं. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी बात कह दी है. आइए जानें-
केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत जम्मू-कश्मीर में हाल ही में खोजे गए लिथियम भंडार का उपयोग करता है तो वह दुनिया में वाहन विनिर्माण के क्षेत्र में पहले पायदान पर होगा. गडकरी ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की जरूरत है और इलेक्ट्रिक बसें ही भविष्य हैं.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उन्होंने कहा, हम हर साल 1,200 टन लिथियम आयात करते हैं. उन्होंने कहा, हमें अब जम्मू-कश्मीर में लिथियम मिला है. अगर हम इस लिथियम आयन का उपयोग कर सकते हैं, तो हम विश्व स्तर पर वाहन विनिर्माता देशों में पहले स्थान पर होंगे. भारत, पिछले साल यानी 2022 में चीन और अमेरिका के बाद जापान को पीछे छोड़ तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है. गडकरी के अनुसार, वर्तमान में देश का वाहन उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है. इसके अलावा देश के कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में इस क्षेत्र का अधिकतम योगदान है.
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने रियासी जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर पैनल के विनिर्माण के लिहाज से महत्वपूर्ण खनिज लिथियम का पता लगाया. इसका अनुमानित भंडार 59 लाख टन अनुमानित है. जम्मू-कश्मीर के खनन सचिव अमित शर्मा ने बताया, यह लिथियम दुर्लभ संसाधन की श्रेणी में आता है. यह पहले भारत में उपलब्ध नहीं था और हम इसके 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर थे. उन्होंने कहा, जीएसआई के जी3 (उन्नत) विश्लेषण के अनुसार, रियासी के सलाल गांव में माता वैष्णो देवी तीर्थ की तलहटी में प्रचुर मात्रा में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला लिथियम उपलब्ध है. (भाषा इनपुट के साथ)
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