Google, Fine, Italy, Play Store: इटली में गूगल पर 123 मिलियन डॉलर (9,00,58,81,650 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है. टेक सेक्टर में अपने मजबूत और प्रभावी स्थिति होने की वजह से गूगल को मनमानी करने का दोषी पाया गया है.
इटली के एंटीट्रस्ट वॉचडॉग प्रतिस्पर्धा व बाजार अथॉरिटी (AGCM) पर आरोप था कि उसने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन का पता बताने वाले एक सरकारी मोबाइल ऐप को अपने एंड्राॅयड ऑटो प्लैटफॉर्म पर चलने नहीं दिया. बता दें कि गूगल पर पहले भी तकनीकी जगत में अपनी मजबूत स्थिति के दुरुपयोग का आरोप लगता रहा है.
इटली में इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल कर रहे लोगों की सुविधा के लिए इटली सहित यूरोपीय संघ में 95 हजार सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन निर्मित किये गए हैं. लोगों की सुविधा के लिए इटली की सरकारी संस्था एनिल (Enel) की एक शाखा एनिल-एक्स (Enel X) ने जूसपास नामक ऐप (Enel X Italia JuicePass app) तैयार किया है, जिसे Google ने अपने एंड्राॅयड ऑटो प्लैटफॉर्म पर चलने नहीं दिया.
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इटली की प्रतिस्पर्धा व बाजार अथॉरिटी (AGCM) ने गूगल को आदेश दिया है कि वह जूसपास ऐप को एंड्राॅयड ऑटो पर तत्काल उपलब्ध कराये. AGCM ने कहा कि लगभग हर दूसरे स्मार्टफोन में इस्तेमाल हो रहे अपने ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राॅयड से मिले एकाधिकार का दुरुपयोग कर उसने प्रतियोगिता को खत्म करने की कोशिश की. अपने ऐप स्टोर गूगल प्ले का भी गलत इस्तेमाल कर यूजर्स तक ऐप की पहुंच को सीमित कर दिया.
AGCM को की गई शिकायत में बताया गया कि लगभग दो साल से Google ने जूसपास को चलाने की अनुमति नहीं दी. इन शिकायतों के आधार पर इस मामले की जांच की गई, जिसे सही मानते हुए AGCM ने कहा कि ऐप को अपने प्लैटफाॅर्म पर रोक कर Google ने गलत किया. Google के प्रवक्ता ने इस मामले में प्रेस में कहा- वह AGCM के आदेश से सहमत नहीं हैं और इसके खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे.
प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों के लिए गूगल पर यह पहला जुर्माना नहीं लगा है. प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों के लिए गूगल पर तीन साल में 73.6 हजार करोड़ जुर्माना लग चुका है. पिछले केवल तीन वर्षों में ईयू के प्रतिस्पर्धा नियामक आयोग ने गूगल पर 1000 करोड़ डॉलर यानी लगभग 73,600 करोड़ रुपये के जुर्माने लगाये हैं.