Google Doodle Today: गूगल ने 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक खास डूडल बना कर भारत की संस्कृति और विरासत की झलक प्रदर्शित की है. हर साल 26 जनवरी को दुनिया भारत की संस्कृति विरासत, सैन्य ताकत और विकास की झलक देखती है, जो हर भारतीय के लिए गौरवान्वित करनेवाला क्षण होता है. गूगल ने इसे और खास बनाते हुए डूडल में ऊंट, हाथी, घोड़े, ढोलक समते तिरंगे के रूप में पेश किया है.
Google ने भारत के गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के लिए शानदार Doodle बनाया है. जिस तरह से Google हर मौके को अपने यूनीक Doodle के जरिये सेलिब्रेट करता है, उसी तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस के मौके पर यूनीक Google Doodle बनाया गया है. गूगल ने डूडल में 73वें गणतंत्र दिवस के परेड का एलिमेंट रखा है. इस Doodle में एक हाथी, एक घोड़ा, एक ऊंट, लाल तबला, परेड का पथ, बैंड के वाद्य यंत्र के साथ-साथ भारतीय तिरंगा झंडा भी फीचर किया गया है.
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भारतीय संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के अपने संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. संविधान लागू होने के इसी मौके की याद में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 से पहले आजाद भारत में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 लागू था, जिसे अंग्रेजों ने भारत में सरकार चलाने के लिए लागू किया था. 26 जनवरी 1950 को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट को हटाकर मौजूदा संविधान लागू किया गया था.
राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी राजपथ पर देश की ताकत और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इसके साथ-साथ भव्य परेड का भी आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे. इस साल गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवनिर्मित नेशनल वॉर मेमोरियल से होगा. इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परंपरा के मुताबिक, इंडिया गेट पर झंडा फहराएंगे. फिर राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी के बाद राष्ट्रपति परेड की सलामी लेंगे.
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर नयी दिल्ली के राजपथ पर भारत की सैन्य ताकत, संस्कृति, सामाजिक और आर्थिक प्रगति को परेड के जरिये प्रदर्शित किया जाता है. इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के समय में बदलाव किया गया है. हर बार 10 बजे सुबह शुरू होने वाला यह समारोह इस बार 10:30 बजे शुरू होगा, ताकि परेड को बेहतर विजिबिलिटी मिल सके. इसके साथ ही, इससे परेड में शामिल होने वाले विमानों को भी उड़ने के लिए अच्छी विजिबिलिटी मिलेगी.