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नए कार और बाइक की पूजा घर पर कैसे करें? जानिए वाहन पूजन की पूरी विधि

त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है और खरीदारी है. अक्सर फेस्टिवल सीजन में सबसे ज्यादा बिकने वाली वस्तुओं में वाहन का नाम शामिल होता है, चाहे नवरात्रि हो या धनतेरस लोग इस अवसर का बेसब्री से इंतजार करते हैं. आज हम आपको बताएंगे घर पर कैसे वाहन की पूजा की जाती है

हम भारतीय जब भी कोई नया वाहन चाहे वो कार हो या फिर बाइक या फिर साइकिल ही क्यों ना हो घर लाने पर सबसे पहले उसकी पूजा की जाती है. आज हम आपको उसी पूजन की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आपके नए वाहन और आपके साथ कोई विघ्न बाधा ना हो.

नये वाहन के पूजन के बाद ही वाहन चलाना चाहिए

हिन्दू मान्यता के अनुसार अगर आप कोई नया वाहन खरीदते हैं तो उसका पूजन अवश्य करना चाहिए. नये वाहन के पूजन के बाद ही वाहन चलाना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो इसे शुभ माना जाता है. शास्त्रों में वाहन पूजा के कई नियम और विधि बताए गए हैं. अगर नया वाहन घर में लाने के बाद विध-विधान से वाहन की पूजा की जाए तो इससे कई प्रकार के अरिष्ठ कम होते हैं और वाहन द्वारा नुकसान या वाहन कष्ट की संभावना खत्म हो जाती है.

वाहन पूजा के लिए किन-किन सामग्रियों की जरूरत होती है 

नए वाहन की पूजा के लिए कर्पूर, नारियल, फूलमाला, अक्षत, जल का कलश, गुड़ या मिठाई, कलावा, सिंदूर घी मिश्रित सामग्री, मिठाई, गंगा जल का होना आवश्यक है. मान्यताओं के मुताबिक घर में नए वाहन के प्रवेश से पहले जमीन पर म के पत्ते से तीन बार गंगा जल छिड़के. अगर घर में गंगा जल नहीं है तो ताजा जल का इस्तेमाल करें. जल का छिड़काव करने के बाद वाहन पर सिन्दूर व धी के तेल के मिश्रण से स्वस्तिक का निशान बना दें. स्वास्तिक शुभता का प्रतीक माना जाता है.

वाहन पर स्वास्तिक के निशान का महत्व 

स्वस्तिक का निशान बनाने के बाद वाहन को फूलमाला पहनाएं और वाहन पर तीन बार कलावा लपेट दें. ज्योतिषियों का मानना है कि कलावा रक्षासूत्र होता है, जो हमारे वाहन की रक्षा करता है. शास्त्रों में स्वस्तिक का बहुत महत्व बताया गया है. इसे वाहन पर लगाने को शुभ माना जाता है. पंडितों का कहना है कि स्वस्तिक का निशान बनाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है. कहा जाता है कि स्वस्तिक का निशान बनाने से यात्रा में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं आता.

वाहन पूजा की विधि 

घर के बाहर वाहन की कर्पूर से आरती करें और कर्पूर की राख से वाहन पर तिलक लगा दें. राख का तिलक वाहन को नजरदोष से बचाता है. इसके बाद कलश में रखे जल को दाएं-बाएं डाले दें. कहा जाता है कि ऐसा करने से वाहन के लिए स्वागत का भाव प्रदर्शित होता है. अब अपने वाहन पर मिठाई रख दें और पूजा के बाद इस मिठाई को गाय को खिला दें.

वाहन पूजा में नारियल का महत्व 

वहीं पूजा के अंतिम चरण में नारियल लेकर वाहन के चारों ओर सात बार चक्कर लगाएं और नारियल को वाहन के सामने फोड़े. ध्यान रहे जब भी वाहन को पहली बार स्टार्ट करें तो वाहन को इसी के ऊपर से चलाएं. अगर हो सके तो वाहन के लिए पीली कौड़ी लें और इसे काले धोगे में पिरो लें. बुधवार के दिन काले धागे वाली कौड़ी को अपने वाहन पर लटका दें. ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसा करने से वाहन की रक्षा होती है.

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