ISRO Robotics Challenge 2024 : भारत ने चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 4 सितंबर 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराई. इसके बाद लैंडर विक्रम के पेट से निकलकर रोवर प्रज्ञान ने दक्षिणी ध्रुव की सतह का अध्ययन शुरू कर किया. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो ने रोवर का नया डिजाइन तैयार करने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित किया है. इसका नाम इसरो रोबोटिक्स चलैंज 2024 रखा गया है. इसरो ने इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को पहिएदार या फिर पैर वाला रोवर तैयार करने को कहा है.
रोवर का नया डिजाइन तैयार करेंगे छात्र
भारतीय रक्षा अनुसंधान विंग (आईडीआरडब्ल्यू) आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत के छात्रों के लिए अंतरिक्ष रोबोटिक्स के क्षेत्र में योगदान करने के लिए एक रोमांचक अवसर प्रदान किया है. अंतरिक्ष संगठन ने ‘इसरो रोबोटिक्स चैलेंज-यूआरएससी 2024 (आईआरओसी-यू 2024)’ प्रतियोगिता के लिए भारत के छात्रों को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में नवाचार को बढ़ावा देते हुए पहिएदार या पैर वाले रोवर को डिजाइन और विकसित करने के लिए आमंत्रित किया है. इसरो की ओर से ‘आइए एक अंतरिक्ष रोबोट बनाएं’ नामक टैगलाइन दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से इसरो का लक्ष्य देश के युवाओं की रचनात्मक क्षमता का दोहन करना है.
इसरो ने छात्रों को किया आमंत्रित
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं के दोहन के महत्व को पहचानते हुए इसरो ने छात्रों को आईआरओसी-यू 2024 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. यह प्रतियोगिता छात्रों को एक पहिएदार या पैर वाले रोवर की कल्पना करने और बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का डेवपमेंट में अपने कौशल का प्रदर्शन करती है. यह पहल न केवल छात्रों को सशक्त बनाती है, बल्कि उन्हें अंतरिक्ष रोबोटिक्स के भविष्य में योगदान करने के लिए एक अनूठा प्लेटफॉर्म भी प्रदान करती है.
भविष्य के रोवर का डिजाइन तैयार करवा रहा इसरो
आईडीआरडब्ल्यू की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके पीछे इसरो की सोच है कि आईआरओसी-यू 2024 में प्रतिभागियों की ओर से पेश किए डिजाइन अंतरिक्ष संगठन के आगामी इंटरप्लेनेटरी रोबोटिक्स मिशनों में एकीकरण के लिए पर्याप्त क्षमता रखते हैं. इस प्रतियोगिता में छात्रों को शामिल करके इसरो विविध दृष्टिकोणों और नवीन विचारों का लाभ उठाना चाहता है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को डिजाइन दे सकते हैं.
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प्रतियोगिता का उद्देश्य
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हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन : प्रतिभागियों को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों घटकों को शामिल करते हुए ‘पहिएदार या पैर वाले रोवर’ को डेवलप करने का काम सौंपा गया है.
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अंतरिक्ष रोबोटिक्स इनोवेशन : इसरो की यह प्रतियोगिता छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और अंतरिक्ष रोबोटिक्स के क्षेत्र में इनोवेटिव सॉल्यूशन प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
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भविष्य में योगदान के लिए अवसर: इस प्रतियोगिता में छात्रों की ओर से पेश किए गए सॉल्यूशन को इसरो के आगामी मिशनों में शामिल करने के साथ स्थायी प्रभाव डालने का प्रयास करेगा
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टैलेंट पूल बनाने की कोशिश : इस प्रतियोगिता में छात्रों को शामिल करके इसरो का लक्ष्य अंतरिक्ष रोबोटिक्स में विशेषज्ञता के साथ एक मजबूत टैलेंट पूल का निर्माण करना है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति में योगदान देगा.
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