माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप (Koo App) ने iOS और एंड्रॉयड दोनों डिवाइसों पर अपने यूजर्स के लिए ब्राउज़िंग का एक बेहतरीन अनुभव पेश किया है. कू एप का नया लुक बेहद आकर्षक, सहज और यूजर्स को जोड़कर रखने वाला है.
कू एप के इस नये डिजाइन को यूजर्स का विशेष ध्यान रखते हुए तैयार किया गया है. पिछले वर्जन की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण अपग्रेड है, जिसमें नया इंटरफ़ेस सहजता के साथ नेविगेशन आसान कर देता है. इसे यूजर्स को एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.
कू एप का नया ब्राउज़िंग अनुभव समूचे यूजर इंटरफेस को बेहतर बनाता है. अब एप पर यूजर्स के लिए जरूरी जानकारी देखना आसान हो गया है. एप का लुक एंड फील बेहतरीन हो गया है जिससे यूजर्स एप पर टिक कर रहेंगे.
कू एप के डिजाइन हेड, प्रियांक शर्मा ने इस बदलाव के बारे में बताया कि यूजर्स की खुशी और उनकी पसंद हमारे ब्रांड के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. खासकर जब हमारे यूजर इंटरफेस की बात आती है, तो हम अपने यूजर्स को सबसे बेहतरीन अनुभव देने की बात लगातार दोहराते हैं. एक बेहतरीन ब्राउज़िंग का अनुभव देना हमारे लिए सबसे जरूरी है और हम इस दिशा में आगे बढ़ चुके हैं.
कू एप भारत में देसी भाषाओं में आत्म-अभिव्यक्ति के लिए सबसे बड़ा मंच है. यह वर्तमान में यूजर्स को हिंदी, मराठी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, बंगाली, असमिया, तेलुगू, पंजाबी और अंग्रेजी में अपने विचार और राय पेश करने का अधिकार देता है.
हाल ही में माइक्रो ब्लागिंग साइट कू ने सभी उपयोगकर्ताओं के लिए स्वैच्छिक स्व-सत्यापन (सेल्फ-वेरीफिकेशन) की शुरुआत की, और कहा कि इस फैसले से उपयोगकर्ता आसानी से अपने खातों की प्रामाणिकता स्थापित कर सकेंगे. साथ ही कू एप ने अपने मूल एल्गोरिदम को सार्वजनिक कर दिया है. कंपनी ने कहा कि किसी सोशल मीडिया मंच ने पहली बार ऐसा किया है. इससे यूजर्स को यह समझने में मदद मिलेगी कि उन्हें जो कंटेंट दिखाई दे रहा है, उसकी वजह क्या है. एक बयान के अनुसार, इन एल्गोरिदम को कू की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया है.
Posted By : Rajneesh Anand