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Koo App New Logo: श्री श्री रवि शंकर ने लॉन्च किया कू ऐप का नया लोगो, कंपनी ने कहा- सकारात्मकता से भरी है नयी चिड़िया

Koo App New Logo: देसी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट 'कू' (Koo) ने अपना नया लोगो लॉन्च किया है. नया चिह्न एक पीली चिड़िया ही है, लेकिन एक नये रूप में. 'कू' का नया लोगो अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने अपने 65वें जन्मदिन के अवसर पर लॉन्च किया है. 'कू' एक भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है, जो कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. इस ऐप को मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था और अब तक 'कू' के पास 6 मिलियन से अधिक यूजर्स हो गए हैं.

Koo App New Logo: देसी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘कू’ (Koo) ने अपना नया लोगो लॉन्च किया है. नया चिह्न एक पीली चिड़िया ही है, लेकिन एक नये रूप में. ‘कू’ का नया लोगो अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने अपने 65वें जन्मदिन के अवसर पर लॉन्च किया है. ‘कू’ एक भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है, जो कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. इस ऐप को मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था और अब तक ‘कू’ के पास 6 मिलियन से अधिक यूजर्स हो गए हैं.

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने इस मौके पर कहा, सामाजिक संपर्क और सूचना का प्रवाह सभ्य समाज के संकेत हैं. ‘कू’ ऐप देश और दुनियाभर में लाखों लोगों को जोड़ रहा है. आज मैं ‘कू’ ऐप के नये लोगो को लॉन्च करके खुश हूं. इतने कम समय में इस तरह का शानदार सोशल मीडिया ऐप बनाने के लिए अप्रमेय और उनकी टीम को मेरी ओर से बधाई.

नन्हा पक्षी उड़ने के लिए तैयार

कू के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने इस अवसर पर कहा, हम अपनी नयी पहचान को सबके सामने लाने के लिए बहुत उत्साहित हैं. यह नया रूप है और हमारी नन्ही पीली चिड़िया के बालपन से किशोरावस्था में बढ़ने का संकेत है. यह चिड़िया सकारात्मकता से भरी हुई है और लोगों को जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में सबसे सकारात्मक तरह से वार्ता और चर्चा करने के लिए प्रेरित करेगी. यह नन्हा पक्षी उड़ने के लिए तैयार है. हम गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के आभारी हैं कि उन्होंने अपने 65वें जन्मदिन पर ‘कू’ के नये लोगो को लॉन्च किया.

Also Read: Twitter vs Koo: भारत का पहला माइक्रोब्लॉगिंग प्लैटफाॅर्म ‘कू’ कैसे है ट्विटर से अलग? जानिए इसके फीचर्स प्यारी चिड़िया सकारात्मकता का प्रतीक

‘कू’ के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, यूजर्स वास्तव में हमारी नयी पहचान को पसंद कर रहे हैं. यह एक प्यारी पीली चिड़िया है जो हमारे प्लैटफॉर्म के मुख्य मूल्य – सकारात्मकता का प्रतीक है. हमने ‘कू’ को बनाया, ताकि लोग विभिन्न विषयों पर चर्चा कर सकें और एक दूसरे को आगे बढ़ने में मदद कर सकें. कोई भी चीज, जो लोगों के जीवन को बेहतर बना सके, उससे लोग जुड़ना पसंद करते हैं. हमारी नयी चिड़िया उस सकारात्मकता का प्रतीक है, जो यह मंच उनके जीवन में लाता है. लाखों यूजर्स एक दूसरे से जुड़ने और उस संगति में आराम का अनुभव पाने के लिए ‘कू’ का इस्तेमाल करते हैं. यह छोटी पीली चिड़िया अब एक अरब भारतीयों की दूत बनने के लिए तैयार है.

‘कू’ के बारे में जानें

‘कू’ को मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं में एक माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म के रूप में बनाया गया था. कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध इस ऐप पर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी मातृभाषा में खुद को व्यक्त कर सकते हैं. जिस देश का सिर्फ 10% हिस्सा अंग्रेजी बोलता है, वहां एक ऐसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की गहरी आवश्यकता है, जो भारतीय यूजर्स को भाषा के मनमोहक अनुभव प्रदान कर सके और उन्हें एक दूसरे से जुड़ने में मदद कर सके. ‘कू’ भारतीय भाषाओं में खुद को अभिव्यक्त करना पसंद करनेवाले भारतीयों की आवाज को एक मंच प्रदान करता है.

Also Read: Koo App कैसे और कहां से करें डाउनलोड? Made In India ऐप के बारे में जानें वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

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