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रोड सेफ्टी : मारुति-सुजुकी ने ग्रैंड विटारा के ‘इलेक्ट्रिक हाइब्रिड’ मॉडल में लगाया सिक्योरिटी अलार्म

मारुति सुजुकी इंडिया ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में ग्रैंड विटारा के इंटेलिजेंट इलेक्ट्रिक हाइब्रिड मॉडल में ध्वनि वाहन चेतावनी प्रणाली (एवीएएस) जोड़ने का ऐलान किया है. यह तकनीक चालकों और पैदल चलने वालों को वाहन की उपस्थिति के बारे में सचेत करके सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए बनाई गई है.

नई दिल्ली : भारत में होने वाले सड़क हादसों को कम करने के लिए सरकार की ओर से कायदा-कानून बनाए जाने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर की कार निर्माता कंपनियां भी सख्त हो गई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, कार निर्माता कंपनी मारुति-सुजुकी ने ग्रैंड विटारा के इलेक्ट्रिक हाईब्रिड मॉडल में सिक्योरिटी अलार्म लगाने का फैसला किया है. मारुति-सुजुकी इंडिया ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी एसयूवी ग्रैंड विटारा के ‘इलेक्ट्रिक हाइब्रिड’ मॉडल में पैदल चलने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक अलार्म लगाया है. इससे इस वाहन की कीमतों में चार हजार रुपये तक का इजाफा होगा.

पांच फुट की दूरी से बज जाएगा अलार्म

मारुति सुजुकी इंडिया ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में ग्रैंड विटारा के इंटेलिजेंट इलेक्ट्रिक हाइब्रिड मॉडल में ध्वनि वाहन चेतावनी प्रणाली (एवीएएस) जोड़ने का ऐलान किया है. कार निर्माता कंपनी के अनुसार, यह तकनीक चालकों और पैदल चलने वालों को वाहन की उपस्थिति के बारे में सचेत करके सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए बनाई गई है. इसमें धीमी आवाज में एक अलार्म बजेगा, जिसे पांच फुट की दूरी तक सुना जा सकता है, जिससे पैदल चलने वालों और आस-पास के अन्य चलाकों को पता चल जाता है कि कोई वाहन पास में है. एवीएएस के साथ ग्रैंड विटारा आने वाले नियमों के अनुरूप बन जाएगी.

सिक्योरिटी अलार्म लगाने के बाद बढ़ जाएगी कीमत

सबसे बड़ी बात यह है कि ग्रैंड विटारा में सिक्योरिटी अलार्म लगाए जाने के बाद गाड़ी की कीमत में चार हजार रुपये तक बढ़ोतरी हो जाएगी. इस बाबत कार निर्मता कंपनी मारुति-सुजुकी ने बताया कि ग्रैंड विटारा के इस मॉडल की कीमत में बदलाव 17 जुलाई 2023 से लागू होगा. इसमें चार हजार रुपये तक का इजाफा होगा. ग्रैंड विटारा के ‘इलेक्ट्रिक हाइब्रिड’ संस्करण की कीमत 18.29 लाख रुपये और 19.79 लाख रुपये (दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत) के बीच है.

सड़क हादसों में हर घंटे 18 लोगों की मौत, 44 घायल

बताते चलें कि भारत में होने वाले सड़क हादसों की वजह से हर घंटे करीब 18 लोगों की मौत हो जाती है और करीब 44 लोग घायल हो जाते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया 2021 के अनुसार,भारत में सड़क दुर्घटनों में हर घंटे 18 लोगों की जान जा रही है। वहीं इन हादसों में हर घंटे औसतन 44 लोग घायल हो जाते हैं. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2021 में करीब 4.22 लाख सड़क हादसों में 1.73 लाख लोगों की जान चली गई. इसमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 24,711 मौतें हुईं. इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु में 16,685 लोगों की मौत हुई.

भारत में 4.22 लाख सड़क हादसे

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारात में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2020 में 3,68,828 से बढ़कर 2021 में 4,22,659 हो गई. इन यातायात दुर्घटनाओं में 4,03,116 सड़क दुर्घटनाएं, 17,993 रेलवे दुर्घटनाएं और 1,550 रेलवे क्रासिंग दुर्घटनाएं शामिल हैं. 2020 से 2021 तक राज्यों में यातायात दुर्घटना के मामलों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि तमिलनाडु (46,443 से 57,090 तक) में दर्ज की गई. इसके बाद मध्य प्रदेश (43,360 से 49,493), उत्तर प्रदेश (30,593 से 36,509), महाराष्ट्र (24,908 से 30,086) और केरल (27,998 से 33,051) का स्थान है.

भारत में सड़क किनारे चलना खतरनाक

टेक कंपनी बॉश लिमिटेड ने 15 मई 2023 को 7वें संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान भारत में पैदल यात्री सुरक्षा की स्थिति पर पेश की गई इंडियन पैडेस्ट्रियन बिहेवियर नामक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सड़कों के किनारे चलने पैदल यात्रियों की स्थिति खतरनाक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 99 फीसदी पैदल यात्रियों को सड़क दुर्घटना में चोट का खतरा रहता है. इस रिपोर्ट में इसमें सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए उपायों की भी मांग की गई है.

सड़क हादसों में 29 हजार से अधिक पैदल यात्रियों की मौत

एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 के दौरान भारत में करीब 29,200 पैदल यात्रियों की मौतें हुईं हैं. इस दौरान लगभग 60,000 पैदल यात्रियों को यातायात दुर्घटनाओं में चोटें आईं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में पूरे यूरोप और जापान से ज्यादा मौतें हुई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2021 में सड़क दुर्घटनाओं की वजह से 1.5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

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