Microsoft ने Windows 10 को जुलाई 2015 में लॉन्च किया था और छह साल बाद कंपनी ने Windows 11 को लॉन्च किया है. Windows 11 को माइक्रोसॉफ्ट ने नेक्स्ट जेनरेशन विंडोज कहा है. खास बात यह है कि माइक्रोसॉफ्ट अपने यूजर्स को विंडोज 11 में अपग्रेड करने के बाद विंडोज 10 पर वापस लौटने के लिए 10 दिन का समय देगा. कंपनी आपको सभी फाइलों और डेटा के साथ विंडोज 10 पर वापस लौटने की अनुमति देगी. यह कुछ कुछ वैसा ही है, जैसे हम दुकान पर जाकर कोई सामान खरीदते हैं और दुकानदार उसपर ‘पसंद न आने पर पैसे वापस’ करने यानी ‘मनी बैक’ की गारंटी देता है.
विंडोज 11 को लेकर माइक्रोसॉफ्ट की इस पेशकश से उन मौजूदा यूजर्स को फायदा होगा, जो विंडोज 10 से विंडोज 11 में अपग्रेड करना तो चाहते हैं, लेकिन उनके मन में यह दुविधा है कि विंडोज का नया सॉफ्टवेयर अगर उनके मौजूदा ऑपरेटिंग सिस्टम से अच्छा नहीं हुआ, तो कहीं वे इसे अपनाकर ‘फंस’ न जाएं. इस तरह 10 दिन का विंडोज 11 ट्रायल दूसरा विचार रखने वाले लोगों के लिए एक मौके की तरह लगता है.
Also Read: Windows 11 Explained: माइक्रोसॉफ्ट के नये OS के बारे में 11 प्वाइंट्स में जानें सबकुछहालांकि अभी तक इस पर कंपनी की ओर से यह नहीं बताया गया है कि विंडोज 11 से विंडोज 10 में डाउनग्रेड करने के बाद क्या इसे दोबारा खरीदना होगा. 10 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद भी अगर आपको विंडोज 10 पर ही काम करना पसंद आता है, तो उस केस में माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि सिस्टम को चालू रखने के लिए आपको अपने डेटा का बैकअप लेना होगा और विंडोज 10 का क्लीन इंस्टॉल करना होगा.
Windows 11 पहले से ही विंडोज इनसाइडर के लिए उपलब्ध है और वर्तमान में प्रिव्यू स्टेज में है. इस साल के अंत में पूरी तरह से रिलीज होने की उम्मीद है. विंडोज 11 की खूबियों के बारे में बात करें, तो इसमें पहली बार स्टार्ट मेन्यू की जगह बदली गई है. फिलहाल लेफ्ट मेन्यू से स्टार्ट होता है लेकिन Windows 11 में आपको सेंटर में स्टार्ट मेन्यू मिलेगा. Windows 11 का लुक काफी हद तक Chrome OS और macOS जैसा है और इसका सीधा मुकाबला भी इन्हीं से है.
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