4G on Moon : नोकिया अब नासा के साथ मिलकर चांद पर 4जी नेटवर्क स्थापित करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. नोकिया की योजना पहले 4G/LTE नेटवर्क स्थापित करके बाद में उसे 5G में बदलने की है. इस काम के लिए नासा की तरफ से Nokia of America Corporation को 14.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड मुहैया कराया जाएगा.
नोकिया सहित 14 कंपनियां चुनी गईं
नासा ने इस टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए 14 छोटी अमेरिकी कंपनियों को पार्टनर के तौर पर चुना है. ये कंपनियां इस दशक के आखिर तक चंद्रमा पर Artemis ऑपरेशन स्थापित करने में मदद करेंगी. नासा चांद पर 4G इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए कुल मिला कर 370 मिलियन डॉलर खर्च कर रही है और उसने इस मिशन के लिए नोकिया सहित कुल 14 अमेरिकी कंपनियों को चुना है.
बेहतर होगी कम्युनिकेशन
चांद पर 4जी नेटवर्क स्थापित करने का यह प्रोजेक्ट नासा के टिपिंग पॉइंट सिलेक्शन के तहत हस्ताक्षरित USD 370 मिलियन मूल्य के अनुबंध का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाना है. नासा ने अपनी आधिकारिक घोषणा में कहा कि यह 4G सिस्टम ज्यादा दूरी, तेज स्पीड और ज्यादा बेहतर तरीके से चांद की सतह पर कम्युनिकेशन करने में सपोर्ट कर सकता है.
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आर्टेमिस ऑपरेशन के लिए जरूरी
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य टेक्नोलॉजी की एक श्रृंखला विकसित करना है, जिससे इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर स्थायी आर्टेमिस ऑपरेशन का मार्ग प्रशस्त हो सके. चयनित कंपनियों में नोकिया के अलावा स्पेसएक्स, लॉकहीड मार्टिन, सिएरा नेवादा, एसएसएल रोबोटिक्स और यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (यूएलए) शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत डेवलप किया गया सिस्टम ज्यादा दूरी, फास्ट स्पीड और ज्यादा बेहतर तरीके से चांद की सतह पर कम्युनिकेशन करने में मदद करेगा.
नोकिया ने खुशी जाहिर की
नोकिया की रिसर्च आर्म, बेल लैब्स (Bell Labs) ने ट्विटर पर कॉन्ट्रैक्ट मिलने की खुशी जाहिर की है. उसने लिखा है, चंद्रमा के लिए ‘टिपिंग प्वाइंट’ प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में नासा द्वारा चुने जाने पर हम बेहद उत्साहित हैं. इससे चांद की सतह पर मानव की स्थायी उपस्थिति की दिशा में मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिलेगी.
अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर काम करते देख पाएंगे
नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइन (NASA Administrator Jim Bridenstine) ने एक लाइव प्रसारण में कहा कि अगर नासा 2028 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर काम करते देखने के अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहती है, तो उसे तेजी से नयी तकनीकों को विकसित करना होगा. ब्रिडेनस्टाइन ने आगे कहा कि हमें ऐसे पावर सिस्टम की जरूरत है, जो चंद्रमा की सतह पर लंबे समय तक रह सकते हैं और हमें चांद पर प्रवास की क्षमता भी विकसित करनी होगी.
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