20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Exclusive : ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे पर जल्द ही फर्राटा भरेंगी गाड़ियां, झारखंड में पहला ‘ग्रीन कॉरिडोर’

ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे का निर्माण केंद्र सरकार की ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत कराया जा रहा है. निर्माणाधीन ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ‘ग्रीन कॉरिडोर’ होगी. इसकी कुल लागत करीब 1214 करोड़ है.

रांची : झारखंड की राजधानी रांची से रामगढ़ के गोला जाना अब आसान हो जाएगा. इसका कारण यह है कि केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे का काम तेज कर दिया गया है. सरकार की ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत प्रस्तावित ‘ओरमांझी-गोला एक्सप्रेस-वे’ का एलाइनमेंट फाइनल हो चुका है और फिलहाल इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी लाने क लिए मिट्टी काटकर रास्ता निकाला जा रहा है. ओरमांझी से शुरू होनेवाली यह फोरलेन सड़क 16 गांवों से होते हुए गोला तक जाएगी. इन गांवों में जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. हालांकि, अभी इसके रास्ते में आने वाले गुडू गांव में जमीन अधिग्रहण करना अभी बाकी है. जिन गांवों में इस एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहीत कर ली गई है, उन गांवों में रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. हालांकि, मानसून बीत जाने के बाद इसके निर्माण कार्य में और तेजी आने की उम्मीद है. यह झारखंड में पहला ग्रीन कॉरिडोर होगा.

ग्रीन कॉरिडोर होगी ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे

बताते चलें कि ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे का निर्माण केंद्र सरकार की ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत कराया जा रहा है. निर्माणाधीन ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ‘ग्रीन कॉरिडोर’ होगी. इसकी कुल लागत करीब 1214 करोड़ है. इसमें जमीन अधिग्रहण के बाद किसानों को मुआवजे के तौर पर दी जाने वाली करीब 732 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. इसका निर्माण कार्य मेसर्स बरबरीक प्रोजेक्ट लिमिटेड की ओर से कराया जा है. जून 2023 में ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन संतोष यादव ने इसका विधिवत काम शुरू कराया था.

ओरमांझी ईद मोड़ के पास रोड ब्लॉक

हालांकि, खबर यह भी है कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य की वजह से ओरमांझी के पास ईद मोड़ के सामने सड़क को ब्लॉक कर दिया गया है. वहीं, जोबला गांव के पास और कुल्ही चौक के पास सड़क निर्माण में लगे कर्मचारी वाहनों की आवाजाही करने से मना कर रहे हैं. पहले वाहन ईद मोड़ से जोबला होते हुए गोला पहुंचते थे, लेकिन अब इस सड़क को ब्लॉक कर दिए जाने की वजह से बड़ी गाड़ियां रामगढ़ होकर गोला आना-जाना कर रही हैं. वहीं, छोटे वाहन सिकिदिरी थाना के बगल से पुरानी सड़क होते हुए सिकिदिरी घाटी जा रही है. वहां से पुतरीडीह होते हुए कुल्ही गांव के समीप गोला सड़क पर निकल रही है. पुरानी सड़क से गोला जाने में पांच-छह किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है. वहीं, सिकिदिरी घाटी में 11 मोड़ होने के कारण वाहन चालकों को ज्यादा सावधानी भी बरतनी पड़ रही है.

रांची को जैनामोड़ से जोड़ेगी एक्सप्रेसवे

बताया जा रहा है कि ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे करीब 28 किलोमीटर लंबी होगी. इसे पुंदाग टोल प्लाजा से दो किमी पहले से बनाया जाएगा, जो सिकिदरी होते हुए गोला तक जाएगी. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रांची के पास पालू गांव से शुरू होगा. एनएचएआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे झारखंड में अपनी तरह का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जो मौजूदा ओरमांझी-सिकिदारी-गोला और बोकारो को आपस में जोड़ने का काम करेगा. इसके लिए ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत इस पर काम किया जा रहा है.

सर्विस लेन के साथ गेस्ट हाउस की भी होगी सुविधा

ओरमांझी-गोला एक्सप्रेस-वे रांची के ओरमांझी स्थित पुदांग टोल प्लाजा से करीब एक किलोमीटर पहले सिकिदरी-गोला की ओर मुड़ जाएगी और फिर सिकिदिरी रोड से भी जुड़ जाएगी. यह सड़क बोकारो के जैनामोड़ के पास से बनेगी, जो गोला की ओर जाएगी. सड़क पर सर्विस लेन भी होगी. इस सड़क पर बड़े मालवाहक वाहनों के चालकों के लिए गेस्ट हाउस भी बनाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे के निर्माण से भारी वाहन चालकों के साथ-साथ निजी वाहन लेने वालों को भी बेहतर सड़कों पर चलने का विकल्प मिलेगा. इससे ओरमांझी, सिकिदिरी-गोला-बोकारो रोड पर वाहनों का बोझ भी कम होगा और लोग टोल चुकाकर अच्छी सड़क पर सफर कर सकेंगे.

रामगढ़ से होकर गुजरेगी वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे

बता दें कि झारखंड में ओरमांझी-गोला एक्सप्रेसवे के अलावा एक और एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है, जो काशी से कोलकाता तक जाएगी. यह सड़क बिहार के इमामगंज से प्रवेश करके चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ से होते हुए पुरुलिया के रास्ते पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी काशी नगरी से कोलकाता तक का सफर आसान करने के लिए एक नये एक्सप्रेसवे के निर्माण पर जल्द ही काम शुरू करने जा रहा है. खबर यह भी है कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद काशी से कोलकाता तक का सफर सिर्फ सात घंटे में पूरा हो जाएगा. बताया जा रहा है कि एनएचएआई का नया एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 का एक विकल्प प्रदान करेगा, जो बिहार और झारखंड से होकर गुजरेगा. बताया यह जा रहा है कि नया एक्सप्रेसवे बिहार के कैमूर से शुरू होकर गया के इमामगंज और झाखंड में चतरा के हंटरगंज, हजारीबाग और रामगढ़ होते हुए पुरुलिया में प्रवेश कर जाएगा.

610 किमी लंबा होगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जल्द ही एनएच 319बी का निर्माण शुरू करेगा, जिसका कोड नाम आगामी वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के लिए स्वीकृत किया है. देश में बनने वाला नया एक्सप्रेसवे बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से होकर क्षेत्र के कई अन्य शहरों को जोड़ते हुए दोनों शहरों को जोड़ेगा. एनएचएआई ने कहा कि करीब 610 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे पुरुलिया जिले के रास्ते पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले बिहार और झारखंड के चार-चार जिलों को जोड़ेगा.

80 किलोमीटर कम हो जाएगी काशी से कोलकाता की दूरी

बताया यह भी जा रहा है कि नए एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा जाने के बाद काशी और कोलकाता के बीच की दूरी लगभग 80 किलोमीटर कम हो जाएगी. फिलहाल, राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के जरिए काशी से कोलकाता जाने पर लोगों को कम से कम 690 किलोमीटर में दूरी तय करना पड़ता है. नया एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 के दक्षिण में होगा और उसके समानांतर चलेगा. इसमें करीब 610 किलोमीटर का छह लेन का राजमार्ग होगा. एक्सप्रेसवे काशी के पास चंदौली से शुरू होगा, जो मुगलसराय से गुजरने के बजाय चांद के रास्ते बिहार में प्रवेश करेगा और लगभग 160 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद गया के इमामगंज में निकल जाएगा.

बिहार में कैमूर की पहाड़ियों में बनाया जाएगा सुरंग

एनएचएआई द्वारा कैमूर पहाड़ियों में एक सुरंग बनाने की भी संभावना है, जिसकी लंबाई पांच किलोमीटर होगी. फिर एक्सप्रेसवे ग्रैंड ट्रंक रोड के साथ औरंगाबाद में प्रवेश करने के लिए सासाराम के तिलौथू में सोन नदी को पार करेगा. इसके बाद यह झारखंड के चतरा जिले के हंटरगंज से प्रवेश करेगी और हजारीबाग और रामगढ़ से गुजरने के बाद पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले से बाहर निकलेगी.

नए एक्सप्रेसवे के बनाने पर 35,000 करोड़ रुपये होंगे खर्च

एनएचएआई के अनुसार, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे पर लगभग करीब 35,000 करोड़ खर्च होने की संभावना है. पटना स्थित एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निर्माण की लागत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि एनएचएआई ने इसका लगभग सीधा संरेखण प्रस्तावित किया है. एनएचएआई के अनुसार, आगामी एक्सप्रेसवे से वाराणसी और कोलकाता के बीच यात्रा का समय आधा हो जाएगा. वर्तमान में एनएच-19 के माध्यम से दूरी तय करने में लगभग 12-14 घंटे लगते हैं.

भारत में कितने हाइवे और एक्सप्रेसवे

भारत सरकार के एक आंकड़े अनुसार, अभी भारत में कुल 599 हाईवे हैं, जिनकी लंबाई करीब 1.32 लाख किलोमीटर है. सबसे लंबा नेशनल हाईवे एनएच 44 है, जिसकी लंबाई 3745 किलोमीटर है. ये श्रीनगर से शुरू होकर कन्याकुमारी तक जाता है. भारत में अभी 23 एक्सप्रेसवे हैं, जिन पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से चालू है. इसके अलावा, 18 एक्सप्रेसवे का काम चल रहा है और इनमें से कई जल्द ही पूरी तरह तैयार हो जाएंगे.

Also Read: Explainer: महज 7 घंटे में काशी से कोलकाता का सफर, गया में इमामगंज और झारखंड में हंटरगंज से गुजरेगा एक्सप्रेसवे

23 साल पहले भारत में शुरू हुआ था पहला एक्सप्रेसवे

करीब 23 साल पहले देश में मुंबई-पुणे के बीच पहला एक्‍सप्रेसवे शुरू हुआ था. आज हर बड़े राज्‍यों के बीच एक एक्‍सप्रेसवे बनाया जा रहा है और आम आदमी भी इसका दीवाना बन रहा. लेकिन, क्‍या आपने सोचा है कि हाईवे और एक्‍सप्रेसवे देखने में तो एक जैसे होते हैं, लेकिन क्‍या इन दोनों में कोई फर्क होता है. दिल्‍ली-मुंबई के बीच बन रहे एक्‍सप्रेसवे की खबरों से लोगों में इसे लेकर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें