Petrol vs CNG Car Cost Explained: वैकल्पिक ईंधन, यानी अल्टरनेट फ्यूल से चलनेवाली कारों का ट्रेंड इन दिनों बढ़ता जा रहा है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने ग्राहकों को इस तरफ सोचने को मजबूर कर दिया है. इसमें भी CNG कारों की मांग तेजी से बढ़ी है. ऑटोमोबाइल कंपनियां भी हर सेगमेंट के अपने मॉडल में पेट्रोल के साथ सीएनजी मॉडल भी उतार रहीं हैं. रनिंग काॅस्ट के मामले में सीएनजी की कार पेट्रोल या डीजल वाली गाड़ियों के मुकाबले काफी सस्ती पड़ती है. यही वजह है कि ज्यादातर लोग फायदा देखकर सीएनजी कारों की तरफ दौड़ पड़ते हैं. लेकिन जरा ठहरिए. हम आपको बताते हैं कि क्या सच में सीएनजी कार आपके लिए फायदेमंद होगी.
अगर आप नयी कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सीएनजी कार – पेट्रोल कार के बीच असमंजस में हैं, तो पहले दोनों के फायदे और नुकसान के बारे में अच्छे से जान और समझ लीजिए. अाज की तारीख में सीएनजी की कीमत पेट्रोल से बहुत कम नहीं है और सीएनजी कारें भी पेट्रोल कारों से लगभग 1 से 1.50 लाख रुपये महंगी हैं. ऐसे में पेट्रोल कार खरीदना फायदेमंद रहेगा या सीएनजी कार? इस बात काे एक उदाहरण के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं.
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Maruti WagonR पेट्रोल वेरिएंट में भी उपलब्ध है और सीएनजी वेरिएंट में भी. वैगनआर के बेस मॉडल LXI 1.0 की दिल्ली में ऑन-रोड कीमत 6.10 लाख रुपये है. वहीं, LXI 1.0 CNG मॉडल की कीमत 7.25 लाख रुपये है. इस तरह आप वैगनआर का CNG मॉडल खरीदने के लिए पहले ही 1.15 लाख रुपये ज्यादा खर्च कर रहे हैं. कार फाइनैंस कराने पर भी आप 1.15 रुपये ज्यादा दे रहे हैं और उसपर जो ब्याज लगेगा, वह अलग.
पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 96.72 रुपये प्रति लीटर है, वहीं सीएनजी की कीमत 73.59 रुपये प्रति किलोग्राम है. राउंड फिगर में अगर पेट्रोल की कीमत 97 रुपये और सीएनजी की कीमत 74 रुपये मान लें, तो गाड़ी के पेट्रोल मॉडल पर महीने में 1,000 किलोमीटर का रनिंग कॉस्ट लगभग 4,000 रुपये आयेगा. दूसरी ओर, सीएनजी मॉडल को अगर आप एक महीने में 1,000 किलोमीटर चलाते हैं तो इसपर रनिंग कॉस्ट 2,176 रुपये पड़ेगी. इस तरह आप सीएनजी वाली वैगनआर पर पेट्रोल मॉडल के मुकाबले हर महीने लगभग 1800 रुपये बचा रहे हैं. लेकिन गौर करनेवाली बात यह है कि यह 1800 रुपये महीने के बचाने के लिए आप कार के सीएनजी मॉडल पर 1.15 लाख रुपये पहले ही ज्यादा खर्च कर आये हैं. ऐसे में यह रकम वसूल करने में आपको 6 से 7 साल साल का समय लग जाएगा. यही नहीं, सीएनजी वाली गाड़ी की इंश्योरेंस फी, मेंटेनेंस और सर्विस कॉस्ट भी ज्यादा होती है. इस तरह आपको इन मदों में भी पेट्रोल कार से ज्यादा खर्च करना पड़ जाएगा.
ऊपर बताया गया पूरा गणित समझने पर यही पता चलता है कि सीएनजी वाली गाड़ी चलाने में तो किफायती पड़ती है, लेकिन यह उनके लिए फायदेमंद है, जिनकी गाड़ी की रनिंग बहुत ज्यादा होती है. इसका मतलब यह हुआ कि जिनकी गाड़ी एक साल में 15,000 किलोमीटर से ज्यादा चलती है, वे सीएनजी मॉडल पर खर्च किये गए ज्यादा पैसे जल्दी वसूल लेंगे. इसके इतर, अगर आप केवल अपने और परिवार के इस्तेमाल के लिए कार खरीद रहे हैं और कार की रनिंग ज्यादा नहीं होनी है, तो आपके लिए पेट्रोल मॉडल वाली गाड़ी ही बेहतर होगी. वैसे भी आनेवाले समय में पेट्रोल और सीएनजी की कीमत में ज्यादा अंतर नहीं रहेगा.