RBI Alert: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि अपंजीकृत डिजिटल ऋण देने वाले ऐप से कर्ज लेने वाले ग्राहकों को किसी भी तरह की समस्या होने पर स्थानीय पुलिस से संपर्क करना चाहिए.
उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक केवल उसके साथ पंजीकृत संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगा. उधार देने वाले ऐप के एजेंटों या अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के कारण कथित आत्महत्याओं के मद्देनजर की गई टिप्पणी में दास ने कहा कि अधिकांश डिजिटल ऋण देने वाले ऐप आरबीआई के साथ पंजीकृत नहीं हैं, वह स्वयं ही संचालित होते हैं.
जब भी आरबीआई को किसी ग्राहक से कोई शिकायत मिलती है, तो वह ऐसे अपंजीकृत ऐप के ग्राहकों को स्थानीय पुलिस से संपर्क करने का निर्देश देता है, जो इस मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे.
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई की वेबसाइट पर उन ऐपों की एक सूची है, जो वेबसाइट पर इसके साथ पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पुलिस ने कानून के प्रावधानों के अनुसार गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में कथित आत्महत्याओं की एक शृंखला रही है. इसका जिम्मेदार डिजिटल ऋण देने वाले ऐप की ओर से काम कर रहे या ऋण वसूली कर रहे एजेंटों द्वारा किये गए ग्राहकों के उत्पीड़न को ठहराया गया है.
उधार लेते समय उधारकर्ता अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे टेलीफोन की संपर्क पुस्तिका साझा करने के लिए सहमति देता है, जो उन्हें एक ऐसी स्थिति की ओर ले जाता है जहां उधारकर्ता को उसके परिचित व्यक्ति के सामने बदनाम किया जाता है, जो उन्हें इस जोखिम कदम की ओर ले जाता है.
दास ने प्रेस वार्ता में कहा, इस तरह के ऐप का उपयोग करने वाले सभी लोगों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि पहले यह जांच लें कि ऐप आरबीआई के साथ पंजीकृत है या नहीं. अगर ऐप पंजीकृत है, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं केंद्रीय बैंक किसी भी गलत काम के मामले में तुरंत कार्रवाई करेगा.