Social Media Rules: सोशल मीडिया कंपनियों ने आईटी नियम के तहत नियमों के अनुपालन में चूक के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने के प्रावधान पर गंभीर आपत्ति जतायी है. उद्योग के एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है. सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम 26 मई, 2021 से लागू हुए थे. इसने फेसबुक और ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को अनिवार्य रूप से सूचना के पहले क्रिएटर की पहचान करने में सक्षम बनाया, जो भारत की संप्रभुता, राज्य की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करता है.
नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों जिनके 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं, उन्हें एक शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना आवश्यक है. इन कर्मियों को भारत का निवासी होना चाहिए. मंत्रालय ने 22 जून तक मसौदा अधिसूचना पर टिप्पणी मांगी है. पिछले साल मई में नियमों के लागू होने के बाद से फेसबुक सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म मासिक अनुपालन रिपोर्ट के साथ सामने आ रहे हैं.
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सोशल मीडिया कंपनियों का मानना है कि इस तरह के प्रावधान से उनके मंचों पर सेंसरशिप बढ़ सकती है. आईटी नियम-2021 के तहत सोशल मीडिया मंचों को मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. यह अधिकारी आईटी कानून के तहत नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा.
‘द डायलॉग और आईएएमएआई’ के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि इस प्रावधान से भारत की एक अच्छे कारोबारी गंतव्य के रूप में छवि को भी नुकसान पहुंचेगा और विदेशी निवेशक यहां आने से कतरायेंगे. अध्ययन में कुल 82 अंशधारकों का साक्षात्कार लिया गया. इनमें सोशल मीडिया कंपनियां और स्टार्टअप शामिल हैं. अध्ययन में कहा गया है किसी कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने से सेंसरशिप बढ़ेगी. कर्मचारी की सुरक्षा को खतरे के मद्देनजर कंपनियां अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगी और इससे किसी सामग्री पर कुछ जरूरत से ज्यादा अंकुश लगाये जा सकते हैं. (इनपुट : भाषा)