Satya Nadella Microsoft Chairman : भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सत्या नडेला दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन पद पर पहुंच चुके हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सत्या नडेला को कंपनी का चेयरमैन बनाया है. सत्या नडेला जॉन थॉम्पसन का स्थान लेंगे.
माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के मुताबिक, बोर्ड के स्वतंत्र निदेशकों ने सर्वसम्मति से नडेला को बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका के लिए चुना. इसके अलावा, जॉन डब्ल्यू थॉम्पसन को सर्वसम्मति से मुख्य स्वतंत्र निदेशक के रूप में चुना गया. वह इस भूमिका को 2012 से 2014 तक पहले भी निभा चुके हैं. वर्ष 2014 में थॉम्पसन ने बिल गेट्स के बाद माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन का पद संभाला था.
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस भूमिका में नडेला बोर्ड के लिए एजेंडा तय करने के काम का नेतृत्व करेंगे, सही रणनीतिक अवसरों का लाभ लेने और मुख्य जोखिमों की पहचान करने तथा उनके असर को कम करने के लिए कारोबार की अपनी गहरी समझ का लाभ उठाएंगे.
53 साल के सत्य नडेला कंपनी में थॉम्पसन की जगह लेंगे, जो मुख्य स्वतंत्र निदेशक के रूप में आगे अपनी भूमिका निभाएंगे. नडेला 2014 में स्टीव बाल्मर के बाद माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने थे. इसके बाद उन्होंने लिंक्डइन, न्यूनस कम्युनिकेशंस और जेनीमैक्स जैसी कई कंपनियों के अधिग्रहण में अहम भूमिका निभाई.
सत्या नडेला का जन्म साल 1967 में भारत के हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता एक प्रशासनिक अधिकारी और मां संस्कृत की लेक्चरर थीं. हैदराबाद पब्लिक स्कूल से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पाने के बाद साल 1988 में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद वे कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएशन के लिए अमेरिका गये. उन्होंने 1996 में शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया.
सत्या नडेला ने साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया था. कंपनी के साथ तीन दशक तक जुड़े रहने के दौरान उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया. माइक्रोसॉफ्ट में उनकी शुरुआत सर्वर ग्रुप से हुई थी. ‘क्लाउड गुरु’ सत्या नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट में क्लाउड कंप्यूटिंग का नेतृत्व किया और कंपनी को दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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सत्या नडेला को 2014 में जब माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया, तब कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही थी. नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट को इन परेशानियों से तो बाहर निकाला ही, उसे नयी बुलंदियों तक भी पहुंचाया. उन्होंने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल एप्लिकेशनंस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर फोकस किया और साथ ही ऑफिस सॉफ्टवेयर फ्रेंजाईजी को भी आगे बढ़ाया.
क्रिकेट और मिठाइयों में पेस्ट्री के शौकीन सत्या नडेला की सैलरी की बात करें, तो युनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन में एन्युअल फाइलिंग के अनुसार उन्होंने जून 2020 में पूरे हुए वित्त वर्ष में माइक्रोसॉफ्ट से 44.32 मिलियन डॉलर (लगभग 328 करोड़ रुपये) पाये. इसमें 2.5 मिलियन डॉलर सैलरी, 30.72 मिलियन डॉलर स्टॉक अवार्ड्स और 10.99 मिलियन डॉलर कैश बोनस शामिल है. सत्या नडेला की कुल संपत्ति 320 मिलियन डॉलर (लगभग 2373 करोड़ रुपये) बतायी जाती है.
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