Story of JCB : उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) के नाम के साथ जुड़ा बुलडोजर (Bulldozer) देशभर में सुर्खियों बटोर रहा है. यूं तो बुलडोजर आमतौर पर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ही नजर आता है, लेकिन आजकल भारत में अवैध निर्माण, अतिक्रमण, अपराधियों और माफियाओं के घरों को ध्वस्त करने में इसका इस्तेमाल हो रहा है. बुलडोजर की धमक मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से होते हुए दिल्ली तक पहुंच चुकी है. कुछ हफ्ते पहले पीएम मोदी (PM Modi) के गृह राज्य गुजरात में भी इसकी एंट्री हो गई, जब भारत के दो दिवसीय दौरे पर आये ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) गुजरात के वडोदरा में एक जेसीबी (JCB) यूनिट में बुलडोजर पर चढ़े हुए नजर आये थे. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. बोरिस जॉनसन के बुलडोजर पर चढ़े नजर आने की वजह ये थी कि बुलडोजर बनाने वाली कंपनी जेसीबी ब्रिटेन की है. और ब्रिटिश पीएम जेसीबी की फैक्ट्री का उद्घाटन करने के लिए गुजरात पहुंचे थे. बता दें कि भारत में जेसीबी की JCB India नाम से छह फैक्ट्रियां हैं और भारत में बननेवाली मशीनें ही जेसीबी कंपनी के नाम से 110 से ज्यादा देशों में निर्यात होती हैं.
बुलडोजर को लेकर ऐसी दीवानगी एक बार पहले भी नजर आ चुकी है, जब सोशल मीडिया पर जेसीबी की खुदाई (JCB Ki Khudai) ट्रेंड करने लगी थी. लेकिन आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि जिस तरह हर ‘ठंडा’ कोका-कोला नहीं होता है, उसी तरह हर बुलडोजर ‘जेसीबी’ नहीं होता. जेसीबी केवल एक कंपनी का नाम है, जो बुलडोजर और उससे जुड़ी दूसरी मशीनें बनाती है. जेसीबी कंपनी के बैकेहो लोडर को बुलडोजर के नाम से जाना जाता है. जेसीबी कंपनी लगभग दस अलग कैटेगरीज में 60 से ज्यादा प्रॉडक्ट्स बनाती है, जिनमें से एक बुलडोजर है. इसके साथ ही, जेसीबी और भी कई तरह की मशीनों का उत्पादन करती है. बुलडोजर का इस्तेमाल आमतौर पर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर मिट्टी या मलबा हटाने और बिल्डिंगों को ध्वस्त करने में किया जाता है. आइए जानते हैं जेसीबी यानी बुलडोजर से जुड़ी कुछ रोचक बातें-
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बुलडोजर शब्द के प्रयोग के शुरुआती रिकॉर्ड में संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणी हिस्से में गोरे लोगों द्वारा अफ्रीकी अमेरिकियों के खिलाफ हिंसक हमलों, विशेष रूप से कोड़े मारने और उन्हें डराने-धमकाने का उल्लेख है. अमेरिका में 19वीं सदी के समय हुए सुधारों के खिलाफ यह बुलडोजर ग्रुप चर्चों और घरों को जलाने, विरोधियों को कोड़े मारने और हत्या करने सहित अश्वेत मतदाताओं और नेताओं को डराने-धमकाने और चुनावों को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है. आज के समय में बुलडोजर के शाब्दिक अर्थ की बात करें, तो इसे दूसरों को धमकाने वाले या दबंग शख्स के तौर पर जाना जाता है. आम बोलचाल की भाषा में भी ऐसी मानसिकता वाले लोग बुलडोजर के नाम से ही पुकारे जाते हैं.
जेसीबी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनी है. इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1945 में हुई थी. इसका पूरा नाम जेसीबी एक्सकैवेटर्स लिमिटेड है. 150 से ज्यादा देशों में कारोबार करनेवाली जेसीबी कंपनी अपनी स्थापना के समय बिना किसी नाम के साथ बनी थी. नाम को लेकर चली तमाम चर्चाओं के बाद इस कंपनी के संस्थापक और मालिक जोसेफ सायरिल बैम्फोर्ड (Joseph Cyril Bamford) के नाम पर ही इसका नाम JCB रख दिया गया. जेसीबी शब्द को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी जगह दी गई है, जिसका मतलब है एक ऐसी भारी मशीन, जो जमीन की निर्माण या खुदाई वगैरह के काम में आती है. जेसीबी की स्थापना से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि इस कंपनी को विश्व में शांति स्थापित करने के लिए बनाये गए संयुक्त राष्ट्र से ठीक एक दिन पहले बनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई थी और जेसीबी कंपनी की स्थापना 23 अक्टूबर, 1945 को हुई थी.
आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा कि जेसीबी का रंग पीला ही क्यों होता है. इसका एक वैज्ञानिक कारण है. आपने गौर किया होगा कि वाहनों में जो पीले रंग की हेडलाइट्स दी जाती हैं, जो सर्दियों के मौसम में धुएं और धुंध के दौरान दूर से ही नजर आ जाती हैं. विज्ञान कहता है कि पीला रंग धूल और धुएं के बावजूद अलग से नजर आ जाता है. यही वजह है जेसीबी के पीले रंग से रंगे होने की. जेसीबी मशीन कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल और धुएं के बीच आसानी से नजर आ जाए, इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बुलडोजर को पीला रंग दिया गया है. अपने इसी रंग की वजह से यह मशीन दिन हो या रात, दूर से ही नजर आ जाती है. यह अलग बात है कि ग्राहकों की मांग पर जेसीबी की मशीनें लाल और हरे रंग में भी आने लगी हैं.