Electric Car News: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत लोगों को इलेक्ट्रिक कार अपनाने के लिए मजबूर कर रही हैं. भारत में भी इलेक्ट्रिक कारों का दौर शुरू हो चुका है और Tata, Hyundai, Mahindra से लेकर Mercedes, Audi और Jaguar ने अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च कर चुकी हैं.
इलेक्ट्रिक कारों में चार्जिंग में लगनेवाला समय बहुत बड़ी चिंता होती है. कार की बैट्री चार्ज करने में 6-8 घंटे या रात भर का समय भी लग जाता है. ऐसे में चीन की कार कंपनी ने बैटरी चार्जिंग को लेकर एक नयी तकनीक डेवलप की है, जिससे इलेक्ट्रिक कार केवल 10 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी.
इलेक्ट्रिक कारों को अपनाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उन्हें चार्ज करने में लगने वाला वक्त है. लेकिन चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी GAC ने इसका तोड़ निकाल लिया है. उसने एक ऐसी टेक्नोलॉजी डेवेलप की है जो मात्र 10 मिनट में कार की बैटरी पूरी तरह चार्ज कर देती है.x
इलेक्ट्रिक कारों को अपनाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उन्हें चार्ज करने में लगने वाला वक्त है. लेकिन चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी GAC ने इसका तोड़ निकाल लिया है. उसने एक ऐसी टेक्नोलॉजी डेवेलप की है जो मात्र 10 मिनट में कार की बैटरी पूरी तरह चार्ज कर देती है.
चीन की ऑटोमेकर ग्वांगझू ऑटोमोबाइल कॉर्पोरेशन (जीएसी) ने हाल ही में अपनी नयी इलेक्ट्रिक कार एऑन वी से पर्दा उठाया है. इस कार के बारे में बताया जा रहा है कि इसमें ग्रैफीन बैटरी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो कार को सिर्फ 8 मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज करने में मदद करती है.
Guangzhou Automobile Corporation (GAC) का दावा है कि उसकी 3सी और 6सी वर्जन तकनीक बैटरी को तेज रफ्तार से चार्ज करने में सक्षम हैं. इनमें 3सी फास्ट चार्जर से कार सिर्फ 16 मिनट में ही 0-80% चार्ज हो जाती है. वहीं, 30-80% तक चार्ज होने में 10 मिनट लगते हैं.
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GAC के दावे के अनुसार, 6सी चार्जर से सिर्फ 8 मिनट में ही 0-80% तक बैटरी चार्ज हो जाती है. 30-80 फीसदी चार्ज होने में इसे मात्र 5 मिनट का वक्त लगता है. वहीं, इस बैट्री को पूरी तरह चार्ज होने में केवल 10 मिनट का समय लगेगा. ग्रैफीन बैटरी टेक्नोलॉजी की वजह से कार 1000 किमी तक की रेंज देगी.
कई जानकारों का मानना है कि तेजी से चार्जिंग के कारण चलते बैटरी जल्दी खराब हो जाती है. ऑटोमोबाइल कंपनी GAC ने इन बातों को निराधार बताया है. ग्वांगझू ऑटोमोबाइल कॉर्पोरेशन (जीएसी) कंपनी का दावा है कि उनकी कार को 1 लाख किलोमीटर तक चलाने के बाद भी बैटरी को कोई नुकसान नहीं होगा.
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