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लो भई, आ गया दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक उड़नखटोला! छत पर उतारो, दफ्तर जाओ, सैर करो फर्क नहीं

दुनिया की पहली एयर टैक्सी पूरी तरह इलेक्‍ट्र‍िक है, जिससे आपको ईंधन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. यह ड्राइवर के बिना चलेगी और कहीं भी उतारी जा सकेगी.

नई दिल्ली : आपने अपने बचपन में अक्सरहां रात के सपने में खुद को उड़ते हुए देखा होगा. या फिर रामायण-महाभारत या फिर अलीफ-लैला जैसे टीवी सीरियल्स में उड़नखटोला या उड़ने वाली चटाई का नाम सुना या देखा होगा. यह भी किसी सपने से कम नहीं. लेकिन, सपनों की ये सब चीजें अब मूर्तरूप लेने जा रही हैं. अब आप रात के सपनों में नहीं बल्कि हकीकत में उड़नखटोले में उड़ान भर सकेंगे. इससे चाहे आप दफ्तर जाएं या दफ्तर से घर आएं, सैर-सपाटा करने जाएं, कोई फर्क नहीं पड़ता. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें पेट्रोल-डीजल या प्रणोदक भी जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है.

किसने बनाई दुनिया की पहली एयर टैक्सी

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की एक कंपनी ने दुनिया की पहली उड़ने वाली टैक्‍सी का सफल परीक्षण किया है. उसे सर्टिफ‍िकेट भी मिल गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि दुनिया की पहली एयर टैक्सी पूरी तरह इलेक्‍ट्र‍िक है, जिससे आपको ईंधन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. यह ड्राइवर के बिना चलेगी और कहीं भी उतारी जा सकेगी. यहां तक क‍ि आपकी छत, पार्क से भी टेकऑफ कर सकेगी. इसे बेहद क्रांत‍िकारी बताया जा रहा है. बेंगलुरु-दिल्‍ली जैसे महानगरों के लिए यह परफेक्‍ट है क्‍योंकि चंद मिनटों में यह आपको घर से दफ्तर तक पहुंचा सकती है. शुरुआत में आपको यह सपना की तरह लग रहा होगा, लेकिन सच में ऐसा हुआ है.

इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी का नाम क्या है

न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कंपनी एहांग ने ईएच 216-एस नाम की यह एयर टैक्‍सी लॉन्‍च की है. यह एक बार में 2 पैसेंजर्स ले जा सकती है. 600 पाउंड यानी 275 किलो सामान ढो सकती है. खास बात, यह ड्राइवरलेस है. यानी इसमें बैठने वाले दोनों यात्री ही होंगे. यह 16 इलेक्ट्रिक राउटर्स से चलाई जाती है और 128 किलोमीटर प्रत‍िघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती है. एक बार चार्ज करने पर यह 30 किलोमीटर तक जा सकती है. कंपनी इसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर तक करने की तैयारी कर रही है. इसके बाद यह एयर टैक्‍सी लोगों के लिए काफी फायदेमंद हो जाएगी.

इलेक्ट्रिक एयर टैक्‍सी है क्‍या?

यह एयर टैक्‍सी एक केंद्रीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र द्वारा नियंत्रित की जाती है. वहीं से इसे उड़ान का रास्‍ता, मौसम और अन्‍य चीजों के बारे में कंट्रोल किया जाता है. अंदर बैठने वाले यात्री चाहें तो वहां मौजूद टचस्‍क्रीन से अपने गंतव्‍य यानी जहां वे उतरना चाहते हैं, उसका चयन कर सकते हैं. उन्‍हें विमान चलाने की जरूरत नहीं होगी क्‍योंकि यह पूरी तरह कमांड यूनिट कंट्रोल करेगी. ऊपर से शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा सकेगा.

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किसी रनवे की जरूरत नहीं

सबसे खास बात यह है कि इन एयर टैक्‍स‍ियों को उड़ान भरने के लिए रनवे की जरूरत नहीं होगी. किसी भी सामान्‍य छत, पार्किंग प्‍लेस या पार्क से यह उड़ान भर सकती है. वहां उतर सकती है. इनसे प्रदूषण भी नहीं फैलता क्‍योंकि एयर टैक्‍स‍ियां इलेक्‍ट्र‍िक से चलती हैं. इन्‍हें सिर्फ 2 घंटे में पूरी तरह चार्ज किया जा सकता है. इनसे शोर भी नहीं होता. ईएच 216-S एयर टैक्‍स‍ियों में बैटरी बैकअप काफी स्‍ट्रांग है और कुछ मिनट में इसे बदला जा सकता है. किसी भी खराबी की स्थिति में आपातकालीन लैंडिंग सिस्टम और पैराशूट भी होते हैं.

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